कोरोना महामारी के दौरान कोविड-19 वैक्सीन लेने बाद उसके साइड इफेक्ट को लेकर मचे बवाल के बीच एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने बड़ा फैसला लिया है। महामारी के बाद से उपलब्ध अपडेटेड टीकों के ज्यादा वॉल्यूम के कारण कंपनी ने दुनियाभर में अपने कोविड-19 टीकों को वापस लेने की तैयारी शुरू कर दी है।
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एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने कहा है कि “चूंकि कई प्रकार के कोविड-19 टीके विकसित किए गए हैं, इसलिए उपलब्ध अपडेटेड टीकों का वॉल्यूम अधिक है।” इससे वैक्सजेवरिया की मांग में गिरावट आई है, जिसका अब निर्माण या आपूर्ति नहीं की जा रही है। कंपनी का ये भी कहना है कि वह यूरोप के अंदर वैक्सीन वैक्सजेवरिया के विपणन प्राधिकरणों को वापस लेने के लिए पहल करेगी।
ब्रिटिश HC में एस्ट्राजेनेका ने माना था साइड इफेक्ट का खतरा
दरअसल फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटिश हाईकोर्ट में स्वीकार किया था कि “बहुत ही दुर्लभ मामलों” में, उसकी वैक्सीन ब्लड क्लॉटिंग (थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम) का कारण बन सकती है। इसके बाद दुनिया के तमाम लोगों के मन में एक डर पैदा हो गया था। बता दें कि एस्ट्राजेनेका वैक्सजेवरिया वैक्सीन, जिसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भी बनाया था। ये वैक्सीन भारत में कोविशील्ड के नाम से जानी जाती है।
कोविशील्ड वैक्सीन के दुष्प्रभावों की जांच के लिए चिकित्सा विशेषज्ञ पैनल बनाने की मांग
पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका के जरिए कोविशील्ड वैक्सीन के दुष्प्रभावों की जांच के लिए एक चिकित्सा विशेषज्ञ पैनल बनाने का निर्देश जारी करने की मांग की गई थी।
कोविड-19 के टीकों की बिक्री में आई गिरावट
जानकारी के अनुसार, वैक्सीन वापस लेने के लिए कंपनी का आवेदन 5 मार्च को किया गया था और ये 7 मई को प्रभावी हुआ है। लंदन में लिस्टेड कंपनी एस्ट्राजेनेका ने पिछले साल रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस के टीके और मोटापे की दवाओं में आगे बढ़ना शुरू किया था, क्योंकि कोविड-19 वैक्सीन की बिक्री में गिरावट के कारण कंपनी की ग्रोथ धीमी पड़ गई थी।