लखनऊः समाजवादी पार्टी के प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव ने राम मंदिर को लेकर जहर उगला है। उन्होंने राम मंदिर निर्माण पर सवाल उठाते हुए कहा कि वो मंदिर बेकार है। ऐसे मंदिर नहीं बनते। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का नक्शा ठीक नहीं बना है। वास्तु के हिसाब से यह मंदिर ठीक नहीं है। सपा नेता के इस बयान के बात प्रदेश की राजनीति गर्म है। भाजपा ने इस को लेकर सपा पर सवाल उठाए हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने रामगोपाल यादव के बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि ये राम के अस्तित्व को नकारने वाले लोग हैं। समाजवादी पार्टी के लोग हिंदुओं की आस्था का सम्मान नहीं करते। बता दें कि इसके पहले भी रामगोपाल यादव ने राम मंदिर निर्माण पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि करोड़ों लोग प्राचीन काल से रामनवमी मनाते चला आ रहे हैं। इस देश में केवल एक राम मंदिर नहीं है। राममंदिर की अधूरी प्राण प्रतिष्ठा की गई। मैंने कभी किसी की पूजा नहीं की।
अखिलेश के सबसे करीबी हैं रामगोपाल
बता दें कि सपा में रामगोपाल यादव का कद अखिलेश यादव के बाद सबसे बड़ा माना जाता है। रामगोपाल यादव को सपा प्रमुख अखिलेश यादव का मुख्य सलाहकार माना जाता है। तभी संगठन में उन्हें प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी दी गई है। जानकारों का कहना है कि अखिलेश यादव कोई भी काम करने से पहले अपने चाचा रामगोपाल यादव की राय अवश्य लेते हैं।
सपा सरकार ने राम भक्तों पर चलवाई थी गोलियां
यह कोई पहला मौका नहीं है, जब समाजवादी पार्टी ने राममंदिर का विरोध किया था। देश भर में जब राममंदिर निर्माण आंदोलन अपने चरम पर था। लोग मंदिर निर्माण को लेकर कुछ भी कर गुजरने को तैयार थे। 2 नवंबर 1990 को कारसेवक हनुमानगढ़ी से श्रीराम जन्मभूमि की ओर बढ़ रहे थे। उस समय के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने निहत्थे रामभक्तों पर गोली चलाने के आदेश दिए थे। जिसके बड़ी संख्या में कारसेवक मारे गए थे। कहा जाता है इतने कारसेवकों की मौत हुई थी कि सरयू का पानी लाल हो गया था।