Lucknow News- उत्तर प्रदेश की जौनपुर लोकसभा सीट से बसपा प्रमुख मायावती ने एक बार फिर से अपना उम्मीदवार बदल दिया है। बताते चलें कि बसपा ने यहां से पहले श्याम सिहं यादव का टिकट काटकर माफिया धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को प्रत्याशी बनाया था। वहीं पार्टी से नामांकन कराने के बाद श्रीकला का टिकट काटकर फिर से श्याम सिहं यादव पर भरोसा जताया है। बताते चलें कि इस सीट पर लोकसभा चुनाव के 6 चरण में 25 मई को चुनाव होगा।
यह भी पढ़ें- लखनऊ- पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति केस मामले से जज ने खुद को किया अलग, जानिए वजह
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने माफिया धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला धनंजय सिंह को जौनपुर लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन बसपा से नामांकन कराने के बाद पार्टी ने उनका टिकट काट कर श्याम सिंह यादव को चुनाव लड़ाने जा रही है। पार्टी सुप्रीमो मायावती ने खुद कल देर रात फोन कर श्याम सिंह यादव को टिकट देने की जानकारी दी थी।
बताते चलें कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी से श्याम सिंह यादव जौनपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीते थे, लेकिन इस बार बीएसपी ने श्याम सिंह यादव की जगह साल 2009 में बहुजन समाज पार्टी से सांसद रहे धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह को अपना प्रत्याशी बना बनाया था। वहीं सोमवार देर रात एक मायावती की एक कॉल से श्याम सिंह यादव फिर से बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। फिलहाल नामांकन के बाद टिकट कटने के पीछे कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
जौनपुर लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में श्याम सिंह यादव बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के गठबंधन प्रत्याशी थे और इसका उन्हें भरपूर फायदा मिला था। जौनपुर सीट बीएसपी के हिस्से में आई थी। वहीं जौनपुर लोकसभा सीट पर इस बार सपा-कांग्रेस के गठबंधन प्रत्याशी बाबू सिंह कुशवाहा चुनाव मैदान में हैं तो भारतीय जनता पार्टी ने कृपा शंकर सिंह को प्रत्याशी बनाया है। अब इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना जताई जा रही है।
पूर्वांचल की राजनीति में बड़ा उलटफेर
जानकारों की माने तो उनका कहना है कि इस बदले घटनाक्रम को पूर्वांचल की राजनीति में बड़ा उलटफेर माना जा रहा है। दरअसल, अपहरण कर फिरौती के एक मामले में धनंजय सिंह को जौनपुर की स्थानीय अदालत से 7 साल की सजा हुई है। सजा के खिलाफ वह इलाहाबाद हाईकोर्ट गए, जहां उन्हें सजा पर रोक संबंधी राहत तो नहीं मिली, कोर्ट ने अलबत्ता जमानत दे दी। पिछले हफ्ते ही धनंजय सिंह बरेली जेल से बाहर आए हैं।