Varanasi News- ज्ञानवापी मामले में अलग-अलग न्यायालय में चल रहे 7 मुकदमों को एक साथ मर्ज करने के बाद जिला जज न्यायालय में सुनवाई शुरू की गई। बताते चलें कि 21 अप्रैल को नए जिला जज संजीव पांडेय ने कार्यभार संभालते ही सभी मामलों की जानकारी लेने के बाद इस पर सुनवाई के लिए 3 मई की तिथि निर्धारित की थी। बताते चलें कि दोनों नेताओं ने शिवलिंग को लेकर बयान दिया था। जिसके खिलाफ याचिका दाखिल की गई। आज इस याचिका पर फैसला होना है कि इनके खिलाफ मुकदमा लिखा जाएगा या नही।
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ज्ञानवापी पर अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी ने दिए थे बयान
बताते चले कि श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन के मुकदमें से लेकर अन्य कई अलग-अलग मुकदमों पर आज सुनवाई होगी। इसके अलावा वाराणसी के अन्य न्यायालय में अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी की तरफ से ज्ञानवापी को लेकर दिए गए बयान पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग पर भी सुनवाई की जाएगी। इसके अलावा दो अन्य मुकदमों की सुनवाई भी आज न्यायालय में होनी है।
श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन की मांग याचिका भी शामिल
जिला जज संजीव पांडेय ने 31 जनवरी को अजय कृष्ण विश्वेश के कार्यकाल के खत्म होने के बाद पिछले महीने अप्रैल में कार्यभार संभाला था। कार्यभार संभालने के एक दिन बाद ही ज्ञानवापी प्रकरण पर 21 अप्रैल को सुनवाई करते हुए, उन्होंने इस मुकदमे की पूरी जानकारी ली और फिर 3 मई को अगली सुनवाई के लिए तारीख निर्धारित कर दी थी। जिसमें लक्ष्मी देवी समेत अन्य चार वादी महिलाओं और राखी सिंह के मुख्य मुकदमो में श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन की मांग की गई है। इसके अलावा श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मामले से जुड़े हुए अन्य छोटे-छोटे मुकदमों को मर्ज करते हुए सभी पर एक साथ सुनवाई की जा रही है। जिस पर आज जिला जज सुनवाई को आगे बढ़ाएंगे।
व्यास जी के तहखाना की मरम्मत की मांग
इसके अलावा राम प्रसाद सिंह की तरफ से व्यास जी के तहखाना की मरम्मत की मांग पर भी सुनवाई होनी है। इस मामले में राखी सिंह की तरफ से मुस्लिम समुदाय का छत पर प्रवेश रोकने के साथ तहखाना की जर्जर दीवारों और छत की मरम्मत की मांग भी की गई है। जिसमें विश्वनाथ मंदिर प्रशासन भी वादी है। इस मामले में भी सुनवाई की जाएगी।
बताते चलें कि सीनियर अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने वाद दायर किया था, जिसमें अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई थी। फिलहार इस मुकदमें को खारिज कर दिया जा चुका है, जिस पर फिर से विचार करके मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है। इस मामले में अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग को फव्वारा बताया था। उनके इस बयान से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होने पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है।