नई दिल्ली- दिल्ली हाई कोर्ट ने सितंबर 2008 के दिल्ली सीरियल ब्लास्ट में कथित संलिप्तता के लिए मुकदमे का सामना कर रहे इंडियन मुजाहिदीन के 3 संदिग्ध आतंकियों को जमानत देने से इनकार कर दिया। बता दें सितंबर 2008 में दिल्ली सीरियल ब्लास्ट के दौरान 26 लोगों की जान चली गई थी। हाईकोर्ट ने जमानत खारिज करने के साथ ही ट्रायल कोर्ट को सप्ताह में कम से कम 2 बार सुनवाई करके मामले की सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया है।
इस मामले के आरोपी 3 संदिग्ध आतंकी 2008 से सलाखों के पीछे हैं। दिल्ली हाई कोर्ट में आरोपी मुबीन कादर शेख, साकिब निसार और मंसूर असगर पीरभॉय ने याचिका दायर कर ट्रायल कोर्ट द्वारा जमानत देने से इनकार करने के आदेश को चुनौती दी थी। जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस शलिंदर कौर की बेंच ने सोमवार को निसार को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा, कि ‘अपीलकर्ता के खिलाफ आरोप और उसके लिए जिम्मेदार भूमिका इस अदालत को उसे जमानत पर रिहा करने के लिए राजी नहीं करती है।
“इसमें कहा गया है कि कथित तौर पर उससे विस्फोटों से संबंधित काफी सामान बरामद किया गया था। बता दें 13 सितंबर 2008 को दिल्ली में अलग-अलग करोल बाग, कनॉट प्लेस और ग्रेटर कैलाश में सिलसिलेवार बम विस्फोट हुए थे। इसके अलावा, 3 जिंदा बमों का भी पता लगाया गया और उन्हें निष्क्रिय कर दिया गया था।
यह भी पढ़ें:- पतंजलि भ्रामक विज्ञापन से जुड़े मामले में बाबा रामदेव को राहत, माफीनामे पर सुप्रीम कोर्ट ने जताया संतोष