नई दिल्ली: अपनी नापाक हरकतों की वजह से पाकिस्तान दुनिया भर में बदनाम है। वहां की आर्मी और सरकार किस प्रकार से विश्व में आतंकवाद को फैलाने में लगी है, यह जग जाहिर है। यही वजह है कि विदेशों में पाकिस्तानियों को लोग संदेह की नजरों से देखेते हैं। लेकिन, जब भी पाकिस्तानी आम नागरिकों को कोई परेशानी होती है, तो वह लोग भारत से ही मदद मांगते हैं। एक ऐसा ही नया मामला सामने आया है। जिसको लेकर दुनिया भर में भारत की सराहना हो रही है।
दरअसल, पाकिस्ताना की 19 साल की लड़की आयशा को भारत के डॉक्टरों ने नया जीवन दिया है। आयशा रशन कई सालों से दिल की बीमारी से ग्रसित थीं। महंगाई से जूझ रहे पाकिस्तान में दिल की बीमारी का ईलाज बहुत महंगा है। साथ ही पाकिस्तान में भारत की तरह विश्न स्तरीय सुविधाएं भी नहीं हैं। इसीलिए आयशा के परिजनों ने उनका भारत में ही उपचार कराना बेहतर समझा। भारतीय डॉक्टरों ने आयशा का फ्री में इलाज कर दुनिया भर में भारत की वसुधैव कुटुम्बकम की संस्कृति का एक नया उदाहरण पेश किया।
आयशा के परिजनों ने चेन्नई के एमजीएम हेल्थकेयर अस्पताल में इंस्टीट्यूट ऑफ हार्ट एंड लंग ट्रांसप्लांट के निदेशक डॉ. केआर बालाकृष्णन से परामर्श मांगा। डॉक्टरों ने उन्हें हृदय प्रत्यारोपण करने की सलाह दी। जिससे आयशा के परिजन निराश हो गए। क्योंकि इसके लिए उन्हें 35 से 40 लाख रुपयों की जरूरत थी। जो कि उनके सामर्थ्य से बाहर था। जिसके बाद आयशा के परिजनों ने डॉक्टरों से अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला दिया। जिस पर डॉक्टरों ने उन्हें हर सहायता करने का आश्वसन दिया।
डॉक्टरों ने दिल्ली के एक अस्पताल से लाए 69 वर्षीय ब्रेड डेड मरीज का दिल आयशा में ट्रांसप्लांट किया। आयशा की यह सर्जरी बिल्कुल फ्री में की गई। ऑपरेशन में जो भी खर्च आया उसके लिए भारत के ऐश्वर्याम ट्रस्ट ने आयशा के परिजनों की मदद की। आयशा भारत 18 महीनों तक रहीं और उन्हें यहां नया जीवन मिला। जिसके बाद आयशा ने भारतीय डॉक्टरों की जमकर तारीफ की।
वहीं, भावुक आयशा की मां सनोबर ने बताया कि जब वह भारत पहुंचीं तो बस मेरी बेटी की सांसें चल रही थीं। उसके बचने की उम्मीद बस 10 प्रतिशत थी। आयशा की मां ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि यहां की अपेक्षा पाकिस्तान में कोई अच्छी चिकित्सा सुविधाएं नहीं हैं। उन्होंने कहा भारत और यहां के लोग बहुत अच्छे हैं। मैं भारत और यहां के डॉक्टरों को धन्यवाद देती हूं।
सनोबर ने आगे बताया कि पैसे से लेकर हर चीज का इंतजाम भारतीय डॉक्टर ने ही किया। मेरी सभी प्रकार से मदद की गई। मैंने कभी नहीं सोचा की मेरी बेटी का इतनी आसानी से हार्ट ट्रांसप्लांटेशन हो जाएगा। लेकिन, यह भारत के कारण संभव हुआ। आज एक पाकिस्तानी लड़की के अंदर भारत का दिल धड़क रहा है। आयशा एक फैंशन डिजाइनर बनने का सपना देख रही हैं और उनके इन सपनों को भारत ने एक नई उड़ान दी है।