Varanasi News- AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बीते गुरुवार को वाराणसी के नाटी इमली इलाके में पीडीएम न्याय-मोर्चा की जनसभा में भागीदारी की थी। इस जनसभा में असदुद्दीन ओवैसी ने अपने अंदाज में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, आरएसएस और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला। इस दौरान उन्होंने भड़काऊ बयानबाजी भी की थी। जिसके खिलाफ भाजपा विधि-प्रकोष्ठ ने चुनाव आयोग से शिकायत की है।
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असदुद्दीन ओवैसी के बयान को लेकर भाजपा-विधि प्रकोष्ठ ने नाराजगी जताई है। और चुनाव आयोग से उनके भड़काऊ बयान की शिकायत की है। विधि-प्रकोष्ठ काशी क्षेत्र संयोजक अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी ने शुक्रवार को बताया कि भड़काऊ बयान देकर धार्मिक भावनाएं आहत कर वोट बैंक की राजनीति की गई। उन्होंने कहा कि ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऊपर कई गलत, झूठ, अनर्गल आरोप और अल्पसंख्यक समाज को भड़काकर उनका ध्रुवीकरण करने के लिए भी कई प्रकार के गलत व झूठे बयान दिए। समाज की धार्मिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास किया गया। मैंने निर्वाचन आयोग में इसकी शिकायत की है।
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बता दें कि एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जेलों में सबसे ज्यादा दलित, पिछड़ा, आदिवासी और मुसलमान हैं। बुलडोजर से हमारा घर तोड़ा जाता है। पैर में गोली हमारे मारी जाती है और जेल में जहर हमें दिया जाता है। इसलिए हम चाहते हैं कि हम सिर्फ वोट डालने वाले न रह जाएं। हम वोट लेने वाले भी बनें। ओवैसी ने कहा कि मुख्तार अंसारी न्यायिक अभिरक्षा में मार दिए गए। वह शहीद हैं और ऐसे लोग कभी मरा नहीं करते, वो जिंदा रहते हैं। उन्हें बचाने की जिम्मेदारी भाजपा सरकार की थी, मगर वह नाकाम रही।