नई दिल्ली: शीर्ष अदालत ने नोटा को प्रत्याशी बनाने व निर्विरोध चुनाव पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर इलेक्शन कमीशन को नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता शिव खेडा की मांग पर, सुप्रीम कोर्ट ने दोनों मामलों को लेकर चुनाव आयोग से जवाब मांग है। याचिका में मांग की गई है कि नोटा को भी प्रत्याशी माना जाए। यदि नोटा को अन्य प्रत्याशी से अधिक वोट मिले, तो इस परिस्थिति में उस क्षेत्र में दोबारा चुनाव कराया जाए।
साथ ही याचिका में यह भी मांग की गई है, यदि किसी प्रत्याशी को NOTA से भी कम वोट मिलते हैं, तो उस प्रत्याशी पर… कोई भी चुनाव लड़ने के लिए 5 साल का प्रतिबंध लगाया जाए। वहीं, नोटा को भी काल्पनिक प्रत्याशी के तौर पर प्रचारित किया जाए। जिसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग से इस मामले पर जवाब तलब किया है। इस मामले की सुनवाई CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच कर रही है।
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क्यों दायर हुई याचिका?
दरअलस, गुजरात के सूरत में 22 अप्रैल को BJP कैंडिडेट मुकेश दलाल की निर्विरोध जीत हुई थी। वहां उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभाणी का नामांकन तकनीकि खामियों के कारण खारिज हो गया था। इस सीट पर BJP और कांग्रेस सहित 10 प्रत्याशी मैदान में थे। कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने के बाद, भाजपा प्रत्याशी को छोड़कर सभी ने अपना नामांकन वापस ले लिया था। जिसके बाद बीजेपी प्रत्याशी मुकेश दलाल निर्विरोध चुनाव जीत गए थे। कहा जा रहा है कि इसी के चलते शिव खेडा नामक के व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका डाली है।