मिडिल ईस्ट में तनाव फिलहाल जारी है। ईरान और इजरायल की तनातनी के बीच अब इसमें आतंकी संगठन हिजबुल्लाह भी कूद गया है। ईरान समर्थित हिजबुल्लाह ने इजरायल पर मिसाइल अटैक किया है। आतंकी संगठन हमास के सहयोगी हिजबुल्लाह का दावा है कि उसने इजरायल के आर्मी हेडक्वार्टर को निशाना बनाते हुए दर्जनों कत्युशा रॉकेट से हमला किया।
दरअसल, 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमास के हमले के बाद से गाजा में युद्ध की स्थिति बनी हुई है। इजरायली सेना और ईरान समर्थित हिजबुल्लाह के बीच रोज गोलीबारी हो रही है। इसी क्रम में हिजबुल्लाह ने इजरायली सेना के हेडक्वार्टर पर हमला करते हुए 35 रॉकेट दागे।
हिजबुल्लाह का दावा
हिजबुल्लाह ने अपने बयान में कहा है कि उसने दर्जनों कत्युशा रॉकेटों के साथ इजरायली ईन जीटिम बेस पर 91वें डिवीजन के तीसरे इन्फैंट्री ब्रिगेड के मुख्यालय पर बमबारी की। हिजबुल्लाह का ये कहना है कि हमला लेबनान के दक्षिणी गांवों और नागरिक घरों पर इजरायली हमलों के जवाब में किया गया है।
इजरायली सेना का बयान
उधर,,इस मामले में इजरायली सेना का कहना है कि लेबनान से उत्तरी इजरायल के ईन जीटिम क्षेत्र में प्रवेश करने वाले लगभग 35 रॉकेटों की पहचान की गई है और इस हमले में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। इजरायली सेना ने दागे गए रॉकेट के सोर्स पर हमला किया है।
7 अक्टूबर को हमास ने किया था हमला
जब 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला किया था,, तो इसी हिजबुल्लाह ने हमास को सपोर्ट किया था। लेबनान में मारे जाने वालों में सबसे ज्यादा हिजबुल्लाह के ही लड़ाके थे। इससे पहले इजरायल का हिजबुल्लाह से बड़ा युद्ध 2006 में हुआ था।
कौन है आतंकी संगठन हिजबुल्लाह ?
हिजबुल्लाह एक ऐसा आतंकी संगठन है, जो ईरान से पोषित है। वह युद्ध में फिलिस्तीन के समर्थन में और इजरायल के खिलाफ खड़ा है।अमेरिका समेत विश्व के ज्यादातर देश इसे आतंकी संगठन ही मानते हैं।
हिजबुल्लाह का गठन 1982 में हुआ था। जहां एक ओर इजरायल का मकसद इलाके से फिलिस्तीनी लड़ाकों का सफाया करना था। वहीं दूसरी ओर ईरान जैसे देशों का उद्देश्य इजरायल के खिलाफ खड़े रहना था। जब इजरायल ने लेबनान पर हमला करके उसके इलाके पर अपना कब्जा जमाया, तब कुछ मौलवियों ने जमा होकर एक समूह बनाया, जिसका उद्देश्य इजरायल को बाहर करना और लेबनान में इस्लामी शासन स्थापित करना था। ईरान हिजबुल्लाह को हथियार, पैसा और प्रशिक्षण मुहैया कराता है।