Lucknow News- उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण की 8 सीटों पर 17 अप्रैल को चुनाव-प्रचार थम जाएगा। लोकसभा के सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत सीटों पर प्रमुख दलों के साथ ही छोटे दल भी चुनाव-प्रचार में अपनी पूरी ताकत के साथ लगे हुए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो इन 8 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। इन 8 लोकसभा सीटों में नगीना लोकसभा सीट को छोड़कर बाकी 7 सीटों पर सपा, बसपा और भाजपा के उम्मीदवारों में त्रिकोणी मुकाबला देखने को मिल रहा है। नगीना लोकसभा में भीम आर्मी के संयोजक चन्द्रशेखर आजाद के चुनाव लड़े जाने के बाद वहां चतुष्कोणीय मुकाबला है।
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प्रथम चरण में सबसे ज्यादा चर्चा में रामपुर लोकसभा सीट है। रामपुर में सपा प्रत्याशी मौलाना मोहिब्बुल्लाह नदवी को प्रचार शुरु करते समय आजम खान के गुट के नेताओं का उन्हें विरोध झेलना पड़ा। आजम खान के करीबी वीरेंद्र गोयल ने रामपुर सीट से बसपा उम्मीदवार जीशान खान को समर्थन दे दिया है। प्रचार समाप्ति के दो दिन बचे होने के बाद भी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव यहां प्रचार करने नहीं गए। बता दें कि रामपुर सीट पर सपा के उम्मीदवार मौलाना मोहिब्बुल्लाह नदवी, बसपा के जीशान खान और भाजपा के उम्मीदवार घनश्याम सिंह लोधी में त्रिकोणीय मुकाबले में छोटे राजनीतिक दलों के सपा और भाजपा को समर्थन देने का सिलसिला जारी है। वहीं बसपा के उम्मीदवार के आ जाने के बाद भाजपा उम्मीदवार की लड़ाई अच्छी मानी जा रही है।
वहीं अगर पीलीभीत लोकसभा सीट की बात करें तो भाजपा ने वरुण गांधी का टिकट काट दिया और इसके बाद उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद को चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा प्रत्याशी जितिन प्रसाद के समर्थन में पीलीभीत में गांव—गांव तक प्रचार किया जा रहा है। वैसे तो भाजपा अपना चुनाव एक तरफा मान रही है, फिर भी जनता के बीच जाने पर सपा के प्रत्याशी भगवत सरन गंगवार और बसपा के प्रत्याशी अनीस अहमद खां उर्फ फूलबाबू भी मुकाबले में बने हुए हैं।
प्रथम चरण में सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव के अपने उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार में उतरने के बाद समाजवादी कार्यकर्ताओं में सक्रियता बढ़ी हुई दिख रही है। वहीं प्रचार में बसपा प्रमुख मायावती व नेशनल कार्डिनेटर आकाश आनन्द ने अपने चुनावी वायदों से पश्चिम उत्तर प्रदेश का तापमान बढ़ाया है। वहीं, भाजपा और रालोद के गठबंधन के कारण 8 सीटों पर प्रचार का बल दोगुना हो गया है।