प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के मैसूर में महाराजा कॉलेज ग्राउंड में भगवान रामलला की प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज से मुलाकात की। दरअसल पीएम मोदी रविवार को अपने कर्नाटक दौरे पर थे, इस दौरान चुनावी सभा में वे अरुण योगीराज से मिले।
ये भी पढ़ें- अयोध्या : 15 से 18 अप्रैल तक नही होंगे रामलला के VIP दर्शन, पहले के ऑनलाइन पास हुए कैंसिल
मैसूर के रहने वाले हैं अरुण योगीराज
बता दें कि मूर्तिकार अरुण योगीराज मैसूर के रहने वाले हैं। इन्हीं के द्वारा बनाई गई भगवान रामलला की मूर्ति की अयोध्या के भव्य मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। भगवान राम की प्रतिमा बनाकर सुर्खियां बोटरने वाले अरुण योगीराज प्रसिद्ध मूर्तिकारों की पांच पीढ़ियों के वंश से आने वाले एक प्रतिष्ठित मूर्तिकार हैं। उन्होंने साल 2008 में मैसूर विश्वविद्यालय से एमबीए किया और इसके बाद एक प्राइवेट कंपनी में काम किया।
प्रतिमा को 3 अरब साल पुरानी चट्टान से बनाया गया
उनके द्वारा तराशी गई 51 इंच की रामलला की मूर्ति को तीन अरब साल पुरानी चट्टान से बनाया गया है। नीले रंग की कृष्ण शिला की खुदाई मैसूर के एचडी कोटे तालुका में जयापुरा होबली में गुज्जेगौदानपुरा से की गई थी। ये कृष्ण शिला,, एक आसमानी-नीली मेटामॉर्फिक चट्टान है, जिसे मूर्तियां बनाने के लिए आदर्श माना जाता है।
अरुण योगीराज से रामलला की आंखों को लेकर पूछे गए काफी सवाल
अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान जिसने भी ये मूर्ति देखी, वो उसे बस देखता ही रह गया। मूर्ति देखने के बाद सबसे ज्यादा लोगों ने रामलला की आंखों को लेकर अरुण योगीराज से सवाल पूछे। इसे लेकर उन्हें काफी तारीफें भी मिलीं।
एक इंटरव्यू के दौरान अरुण योगीराज ने कहा था कि रामलला की इस प्रतिमा को उन्होंने नहीं बल्कि भगवान राम ने उनसे बनवाया था।अरुण योगीराज ने बताया था कि उन्होंने सिर्फ 7 महीनों में भगवान रामलला की ये मूर्ति बनाई। रामलला की आंखें बनाने से पहले वे अपने गुरुदेव गणेश आचार्य से मिले थे। अरुण योगीराज ने रामलला की मूर्ति के बारे में बातचीत के दौरान एक बंदर का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि जब वे मूर्ति को तैयार कर रहे थे, तब रोज शाम को एक बंदर उनके पास आकर मूर्ति को देखकर चला जाता था।
वहीं, सर्दी के मौसम में तिरपाल लगाने के बावजूद भी उस बंदर का आना नहीं रुका था। वह उस तिरपाल को हटाकर मूर्ति को देखने के लिए अंदर आ जाता था। अरुण योगीराज ने उस बंदर की बात राम मंदिर ट्रस्ट से जुड़े लोगों को भी बताई थी।
रामनवमी पर अयोध्या में 40 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद
रामनवमी पर्व को देखते हुए अयोध्या में 40 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। इस भीड़ के अनुमान को ध्यान में रखते हुए राम मंदिर ट्रस्ट ने 15 से 18 अप्रैल तक VIP दर्शन और VIP पास पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है।जानकारी के अनुसार इन 4 दिनों तक लगातार 20 घंटे दर्शन की व्यवस्था लागू रहेगी, जबकि बचे हुए 4 घंटे का समय रामलला के शृंगार, भोग, राग पूजा और आरती के लिए रखा गया है।