लखनऊ: पिछले कुछ दिनों में यूपी के सियासी समीकरण तेजी के साथ बदल हैं। अब यहां अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूला के सामने पल्लवी और ओवैसी ने पीडीए मोर्चा खड़ा कर दिया है। यूपी में जहां अब तक लड़ाई सत्ताधारी NDA और विपक्षी गठबंधन के बीच थी, वहीं अब तीसरे मोर्चा की भी एंट्री हो चुकी है। इस मोर्चा का नेतृत्व अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी कर रहे हैं। यह गठबंधन यूपी की राजनीति में कितना सफल होता है यह तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे। लेकिन, यह तो तय माना जा रहा है कि तीसरा मोर्चा सपा और कांग्रेस का खेल जरूर बिगाड़ देगा।
जहां यूपी में अखिलेश यादव पीडीए राजनीति के सहारे लोकसभा चुनाव में बाजी पलटने का दावा कर रहे हैं। वहीं अब पल्लवी पटेल और ओवैसी के पीडीए गठबंधन ने मुकाबला रोचक कर दिया है। जिससे विपक्षी नेताओं की धड़कने बढ़ी हुई हैं। कहा जा रहा है कि इस तीसरे मोर्चा में स्वामी प्रसाद मौर्य की राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी भी शामिल हो सकती है।
अपना दल कमेरावादी और एआईएमआईएम गठबंधन ने यूपी की सात लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों को का भी ऐलान कर दिया है। पल्लवी पटेल का कहना है कि उन्होंने जिन सात सीटों पर प्रत्याशियों को उतारा है उन सीटों पर पीडीए फॉर्मूला का विशेष ध्यान रखा गया है। जारी 7 प्रत्याशियों की सूची में 1 मुस्लिम प्रत्याशी है। वहीं बाकी 6 प्रत्याशी हिंदू हैं। यह सभी प्रत्याशी कुर्मी बाहुल्य सीटों पर उतारे गए हैं।
पीडीए मोर्चा की जारी सूची में बरेली लोकसभा सीट से सुभाष पटेल को प्रत्याशी बनाया गया है। वहीं, हाथरस लोकसभा सीट से जयवीर सिंह धनगर, फिरोजाबाद से प्रेमदत्त बघेल, भदोही से प्रेम चंद्र बिंद, रायबरेली से मुस्लिम प्रत्याशी हाफिज मोहम्मद मोबीन, फतेहपुर सीट से राम किशन पाल और चंदौली लोकसभा क्षेत्र से जवाहर बिंद को प्रत्याशी बनाया गया है। नाम की घोषणा होने के बाद इन सभी उम्मीदवारों ने चुनावी मैदान में ताल ठोक दी है। जिससे विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवारों का खेल बिगड़ता हुआ दिख रहा है।
बता दें कि पिछले दिनों स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी से अलग हो गए थे। जिसके बाद उन्होंने अपने एमएलसी और सपा के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था। स्वामी प्रसाद मौर्य के अलग होते ही पल्लवी पटेल ने अखिलेश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। राज्यसभा चुनाव के दौरान उन्होंने सपा के प्रत्याशियों का विरोध किया था, और कहा था अखिलेश यादव सिर्फ पीडीए की बात करते हैं। लेकिन, जब बात हिस्सेदारी देने की आती है तो पीछे हट जाते हैं।
सूत्रों का कहना है कि पल्लवी पटेल चाहती थीं कि उनके पति को सपा राज्यसभा भेजे। लेकिन, जब ऐस नहीं हुआ तो वह अखिलेश से अलग हो गईं। कहा जा रहा है कि उनकी अखिलेश से फोन पर बहस भी हो गई थी। इसी बीच एक प्रेसवार्ता के दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यह स्पष्ट कर दिया था कि पल्लवी पटेल की अपना दल कमेरावादी पार्टी का सपा के साथ गठबंधन सिर्फ 2022 के विधानसभा चुनाव तक ही था,अब उनके साथ सपा का कोई गठबंधन नहीं है।
अखिलेश के इस बयान के बाद पल्लवी पटेल ने हैदराबाद जाकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से मुलाकात की थी और दोनों दलों ने पीडीए मोर्चा बना कर यूपी में लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। हालांकि,तीसरे मोर्चा ने अभी यूपी की 7 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। लेकिन, माना जा रहा है कि अभी कई अन्य सीटों पर भी प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की जा सकती है। जिससे विपक्षी गठबंधन के प्रत्याशियों की धड़कने बढ़ी हुई हैं।