प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बुधवार को पश्चिम बंगाल के दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने कोलकाता में देश की पहली अंडरवॉटर मेट्रो का उद्घाटन किया। ये,, कोलकाता मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का हिस्सा है, जो हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड सेक्शन के बीच चलेगी। अंडरवॉटर मेट्रो, जमीन से 33 मीटर नीचे और हुगली नदी के तल से 13 मीटर नीचे बने ट्रैक पर दौड़ेगी।
बता दें कि हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक 4.8 किमी रूट बनकर तैयार हुआ है। इसमें 4 अंडरग्राउंड स्टेशन हावड़ा मैदान, हावड़ा स्टेशन, महाकरण और एस्प्लेनेड हैं।हावड़ा स्टेशन जमीन से 30 मीटर नीचे बना है। ये दुनिया में सबसे गहराई में बना मेट्रो स्टेशन है। अभी तक पानी के नीचे मेट्रो रूट केवल लंदन और पेरिस में ही बना है। इसके अलावा हावड़ा स्टेशन से महाकरण स्टेशन तक 520 मीटर लंबी टनल बनाई गई है, जिसमें दो ट्रैक बिछाए गए हैं। इस मेट्रो सेवा के शुरू होने से हावड़ा और कोलकाता के बीच की कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी।
ग्रीन लाइन मेट्रो पर है अंडरवॉटर टनल
अंडरवॉटर मेट्रो रूट कोलकाता मेट्रो की ग्रीन लाइन पर स्थित है,, जो 16.6 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर है। ये ईस्ट कोलकाता में आईटी हब साल्ट लेक सेक्टर पांच और वेस्ट में हावड़ा मैदान को जोड़ता है। ये रूट सियालदह और एस्प्लेनेड से होकर गुजरता है। इस कॉरिडोर का पहला फेज सेक्टर पांच से सियालदह के बीच है। वर्तमान में यह ऑपरेशनल है।
45 सेकंड में 520 मीटर की दूरी तय करने की उम्मीद
जानकारी के अनुसार, हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक ईस्ट-वेस्ट मेट्रो का 4.8 किलोमीटर लंबा हिस्सा 4,965 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के कुल 16.6 किलोमीटर में से 10.8 किलोमीटर तक भूमिगत है, जिसमें नदी के नीचे सुरंग भी शामिल है। मेट्रो रेल से नदी के नीचे 520 मीटर की दूरी को केवल 45 सेकंड में पार करने की उम्मीद है।
देश की पहली मेट्रो भी कोलकाता से ही दौड़ी थी
1984 में देश की पहली मेट्रो रेल कोलकाता उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर (ब्लू लाइन) में दौड़ी थी। अब 40 साल बाद देश की पहली अंडरवॉटर मेट्रो रेल भी यहीं से चल रही है।