Prayagraj News- इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मथुरा स्थित
शाही ईदगाह मस्जिद की सीढ़ियों के पास स्थित कृष्ण कूप की नियमित पूजा की मांग को
लेकर अर्जी दाखिल की गई है। कहा गया है कि होली के बसोड़ा पर इसकी विशेष पूजा होती
रही है और यह पूजा जमाने से चली आ रही है। लेकिन इसमें मुस्लिम पक्ष की ओर से
अनावश्यक आपत्ति की जा रही है। इसे रोका जाना चाहिए।
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उत्तर प्रदेश के मथुरा शहर स्थित शाही
ईदगाह मस्जिद की सीढ़ियों के पास स्थित कृष्ण कूप की नियमित पूजा की मांग को लेकर अर्जी
महेंद्र प्रताप सिंह की ओर से दाखिल की गई है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चल रहे 18 सिविल वादों में वाद संख्या 13 के वादी भी हैं और
उन्होंने 1968 में श्रीकृष्ण जन्म भूमि संघ और शाही
ईदगाह मस्जिद के बीच हुए समझौते को चुनौती देते हुए मस्जिद को मिली ढाई एकड़ भूमि
दिए जाने की मांग की है।
यह मामला
न्यायमूर्ति मयंक जैन की पीठ के समक्ष लम्बित हैं। न्यायालय ने आगे की सुनवाई के
लिए 13 मार्च की तिथि तय की है। उस दिन इस अर्जी पर भी सुनवाई हो
सकती है। मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर से बहस की जा रही है।
अर्जी में याची की ओर से यह दावा किया
गया है कि कृष्ण कूप शाही ईदगाह मस्जिद की सीढ़ियों के पास स्थित है। पुराने जमाने
से ही यहां पूजा होती आ रही है। श्रीकृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ ने इस कूप का
निर्माण कराया था। कूप हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। होली के बाद बसोड़ा पर शीतला
माता की पूजा होती है। यहां बच्चों का मुंडन सहित अन्य धार्मिक कार्यक्रम होते हैं।
इस दिन कृष्ण कूप की पूजा का भी प्रचलन है। 2022
में यहां विवाद होने पर पुलिस बल की
तैनाती कर पूजा कराई गई थी। होली के बाद महिलाएं पूजा करती हैं। उनकी पूजा में कोई
व्यवधान न हो इसके लिए पूजा के अधिकार के साथ उनकी सुरक्षा की
भी व्यवस्था की जाए।