लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को पंडित गोविंद बल्लभ पंत की पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हे नमन किया। श्रद्धा सुमन अर्पित करने के उपरांत सीएम ने कहा कि स्वतंत्रता संग्रामसेनानी, उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री व देश के पूर्व गृहमंत्री पंत जी की आज पुण्यतिथि है। हम उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पंडित गोविंद बल्लभ पंत भारत माता के सपूत थे। गांधी जी के आंदोलनों में उन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई। 24 जनवरी 1950 को उत्तर प्रदेश के पुनर्गठन के बाद उन्होंने पहले मुख्यमंत्री के रूप में अपने दायित्वों को निभाया। इसके पहले भी 1937 में संयुक्त प्रांत के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने अपनी भूमिका निभाई थी। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बृजेश पाठक प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के भूपेंद्र चौधरी समेत अन्य लोगों ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
बता दें कि 10 सितंबर 1887 को अल्मोड़ा जिले के खूण्ट गांव में जन्में पंडित गोविंद बल्लभ पंत यूपी के प्रथम मुख्यमंत्री थे। इसके अलावा उन्होंने देश के दूसरे गृहमंत्री के रूप में भी काम किया। वह देश के संविधान सभा के सदस्य भी रहे। देश हित में उनके अभूतपूर्व योगदान को देखते हुए 1957 में उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया था।
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जातीय भेदभाव का किया विरोध
गोविंद बल्लभ पंत जी की आज पुण्यतिथि है। ऐसे में उनके द्वारा किए गए कार्यों को याद करना स्वाभाविक है। एक दौर ऐसा था जब देश में छुआछूत, ऊंच-नीच व जातीय भेदभाव का बोलबाला था। उन्होंने इस भेदभाव के उन्मूलन व किसान उत्थान की दिशा में अनेकों कार्य किए। पंत जी ने जमींदारी प्रथा को समाप्त किया। साथ ही कुली-भिक्षुक कानून का भी विरोध किया। इस कानून के तहत कुली और भिक्षुकों को बिना कोई पारिश्रमिक दिए, ब्रिटिश अधिकारियों का सामान उठाने के लिए मजबूर किया जाता था।