नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय से पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को दोहरा झटका लगा है। एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है, जिसमें संदेशखाली मामले को लेकर जारी सीबीआई जांच पर रोक लगाने की मांग की गई थी। वहीं, दूसरी ओर कोर्ट ने बंगाल सरकार से कई सवाल भी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए पूछा कि इतने दिनों तक मुख्य आरोपी शाहजहां शेख को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?
गौरतलब है कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने बंगाल पुलिस द्वारा की जा रही संदेशखाली मामले की जांच, सीबीआई को ट्रांसफर करने के आदेश दिए थे। साथ ही घटना के मुख्य आरोपी शाहजहां शेख को भी सीबीआई को सौंपने को कहा था। कलकत्ता हाई कोर्ट के इसी आदेश को चुनौती देने के लिए ममता सरकार देश की सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन, अब बंगाल सरकार को वहां से भी झटका लगा है।
मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार से पूछा की देशखाली कांड के मुख्य आरोपी शाहजंहा शेख को पुलिस 55 दिनों तक गिरफ्तार क्यों नहीं कर पाई? इसके जवाब में ममता सरकार की ओर से कोर्ट में पेश वकील ने कहा कि इस मामले में पहले ही 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था। सिर्फ एक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी। वकील के इस दलील के बाद मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस मेहता ने पूछा कि पुलिस को चार्जशीट दाखिल करने में कितना समय लगा।
वहीं, इस मामले पर ईडी की ओर से कोर्ट में पेश वकील एसवी राजू ने दलील दी कि घटना के मुख्य आरोपी शाहजहां शेख ने उनके ऑफिसर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि पूरे मामले में पुलिस की भूमिका ठीक नहीं थी। कोर्ट के आदेश के बाद भी पुलिस ने मुख्य आरोपी को सौंपने में हीला-हवाली की।
बता दें कि राशन घोटाला मामले में संदेशखाली जांच करने गई ईडी टीम पर लोगों ने हमला कर दिया था। जिसमें कई सुरक्षाकर्मी व ईडी के अधिकारी घायल हुए थे। इस घटना के बाद से शाहजहां शेख फरार चल रहा था। बाद में 55 दिनों बाद उसे गिरफ्तार किया गया।