Prayagraj News- इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कानपुर जिले के नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन की तरफ से विचाराधीन रिट याचिका में प्रभावी पैरवी न करने पर उनके क्लर्क को निलंबित
कर दिया। इसके साथ ही स्वास्थ्य अधिकारी के खिलाफ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के
प्रमुख सचिव को भी पत्र भेज दिया। क्योंकि मामला नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग से संबंधित
है। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ लिपिक मनोज कुमार को तत्काल प्रभाव
से निलंबित कर दिया गया है।
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कानपुर नगर निगम के
नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन द्वारा उच्च न्यायालय में विचाराधीन रिट याचिका में प्रभावी
सुनिश्चित न किए जाने पर स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ लिपिक मनोज कुमार को तत्काल प्रभाव
से निलंबित कर दिया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद यह अनुशासनात्मक कार्रवाई नगर आयुक्त की ओर से की गई। इसके साथ
ही मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी संध्या रानी ने उपरोक्त याचिका में प्रति शपथ पत्र
पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। इस पर नगर आयुक्त ने उनका इस माह का वेतन रोकने
के निर्देश दिए हैं और उनको कानपुर नगर निगम से अन्यत्र स्थानांतरण किए जाने के लिए
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश शासन को पत्र भी प्रेषित किया गया
है। साथ ही उसकी एक प्रति महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश को भी भेजी
गई है।
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इस मामले में नगर
आयुक्त ने समस्त विभाग अध्यक्ष एवं विभागीय अधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि नगर
निगम से संबंधित पदों में प्रभावी पैरवी सुनिश्चित न करने पर संबंधित लिपिक के साथ-साथ
विभागाध्यक्ष एवं विभागीय अधिकारियों पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी,
जिसके लिए वह स्वयं दोषी होंगे।