Prayagraj News- 2010
में बरेली दंगे के मामले में अभियुक्त मौलाना
तौकीर रजा की याचिका को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मानने से इंकार कर दिया है। जिला
न्यायालय ने बरेली दंगे के मामले में तौकीर रजा के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 319 में समन जारी किया था। समन जारी होने के बाद
भी आरोपी न्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ
था। जिसके बाद उसके खिलाफ दो बार गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा चुका है। तौकीर रजा को 27 मार्च तक उपस्थित होने के आदेश जारी किए गए हैं। बता
दें कि याचिका में समन आदेश को चुनौती दी गई थी। यह आदेश न्यायमूर्ति राम मनोहर
नारायण मिश्र ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद दिया।
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बता दें कि इत्तेहाद
ए मिल्लत काउंसिल के चीफ मौलाना तौकीर रजा पर बरेली में 2010 में हुए दंगे को भड़काने का आरोप है। बरेली जिला न्यायालय ने
मौलाना तौकीर रजा को इस मामले में अभियुक्त माना और उसके खिलाफ सीआरपीसी की धारा 319 के अन्तर्गत समन जारी किया था। इस समन पर मौलाना के
उपस्थित नहीं होने पर उसके खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया। न्यायालय
में पेश नहीं होने पर उसके खिलाफ दो बार गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है।
उच्च न्यायालय ने बरेली पुलिस को मौलाना तौकीर रजा
को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने का भी आदेश दिया है। याचिका में समन आदेश
को चुनौती दी गई है। याचिका पर मंगलवार को सुनवाई में मौलाना तौकीर रजा के वकीलों
ने पक्ष रखा। कहा गया कि बिना किसी आवेदन के ट्रायल जज ने उनको गवाहों के बयान के
आधार पर स्वत: संज्ञान लेकर तलब किया है। जबकि उसके मामले में फाइनल रिपोर्ट लग
चुकी है। सरकारी वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि तौकीर रजा 2010 में हुए बरेली दंगे का मास्टरमाइंड है। उसके खिलाफ काफी
साक्ष्य हैं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने तौकीर रजा को 27 मार्च तक सरेंडर कर जमानत के लिए आवेदन प्रस्तुत करने के
लिए कहा है।