Mirzapur News- श्रीविंध्य पंडा समाज की ओर से विंध्यवासिनी मंदिर परिसर में प्राचीन
परंपरागत होली गायन का शुभारंभ रंभभरी एकादशी से हुआ। छह दिवसीय होली समारोह का
समापन होलिका दहन के दूसरे दिन बैशाख कृष्णपक्ष प्रतिपदा को चौती गायन से किया
जाएगा।
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उत्तर प्रदेश
के मिर्जापुर में श्रीविंध्य पंडा
समाज की ओर से विंध्यवासिनी मंदिर परिसर में प्राचीन परंपरागत होली गायन का
शुभारंभ किया गया। बता दें कि उत्कृष्ठ साहित्यों से सजे होली गीतों को गुरु-शिष्य
परंपरा का अनुसरण करते हुए स्थानीय कलाकार ही इसकी प्रस्तुति करते हैं। इस आयोजन
में प्रचलित होली गीतों को सुनने के लिए काफी संख्या में श्रोता मंदिर परिसर में
एकत्र होते हैं। रंगभरी एकादशी की संध्या पर आयोजन का आरंभ मां विंध्यवासिनी की वंदना
पर आधारित होली गीत अम्बे विंध्य शिखर होली,
खेलत श्री जगदम्ब से हुई। राधा-कृष्ण के
प्रसंगों पर आधारित होली गायन से समूचा मंदिर प्रांगण गुंजायमान हो उठा।
स्थानीय कलाकारों के एक से बढ़कर एक होली गीत पर लोग
झूमते नजर आए। वशिष्ठ नारायण पांडेय,
धर्मेन्द्र भट्ट, प्रदीप पांडेय, रविशंकर शास्त्री, शिवशक्ति पांडेय, मोहनजी स्वाम एवं हरी नारायण पांडेय ने
अपने मधुर कंठों से गायन की अद्भुत प्रस्तुतियां प्रस्तुत की, तो वहीं शहनाई वादक मास्टर
तौलन, तबला वादक रवि द्विवेदी, ढोलक वादक रंगनाथ तथा रजत शर्मा के ऑर्गन पर संगत
ने होली गीतों में चार चांद लगा दिया।
कार्यक्रम के पूर्व श्रीविंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष
पंकज द्विवेदी, मंत्री भानु पाठक व कोषाध्यक्ष तेजन गिरी ने मां विंध्यवासिनी के चरणों में
अबीर गुलाल अर्पित किया। इस दौरान पंडा समाज के पूर्व अध्यक्ष राजन पाठक, ओमप्रकाश मिश्र, कुलदीप पांडेय, राजेश्वर पंडा, तरुण पांडेय, रत्नेश भट्ट, जितेन्द्र भट्ट आदि के साथ बड़ी संख्या में
दर्शनार्थी एवं श्रोताओं ने होली गीतों का उत्सहपूर्वक आनंद लिया।