लखनऊ: गाजीपुर जिले के मिर्जापुर क्यामपुर टोल प्लाजा से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि यहां के टोल कर्मियों ने पुलिस की शह पर दाह संस्कार करके लौट रहे लोगों को सुनसान जगह पर ले जाकर 30,2000 रुपये की रंगदारी वसूली। यह घटना बीते माह फरवरी की है। इस मामले को लेकर पीड़ित अधिवक्ता द्वारा दी गई तहरीर की कॉपी, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जो इन दिनों सुर्खियां बनी हुई है।
तहरीर के अनुसार, संत कबीर नगर जिले के गांव करमा कलां निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता जनार्दन चौबे के छोटे भाई की पत्नी का बीती 26 फरवरी को निधन हो गया था। जिसके बाद अपनी बहू का शव लेकर बनारस गए और वहां घाट के किनारे दाह संस्कार किया। अंतिम संस्कार करके शोकाकुल परिजन अपने गांव वापस लौट रहे थे। रात के करीब 11:50 बजे बस गाजीपुर जिले के मिर्जापुर क्यामपुर टोल प्लाजा पर पहुंची। टोल प्लाजा पर बस पहुंची तो टोल कर्मी डबल चार्ज मांगने लगे। जिस पर बस चालक ने कहा कि शव वाहन का टोल नहीं लगता है। इतना सुनते ही टोल कर्मी मारपीट करने पर आमादा हो गए।
पीड़ित के अनुसार, टोलकर्मियों के अभद्र व्यवहार को देख कर जनार्दन का छोटा बेटा शैलेन्द्र कुमार बस से नीचे उतरा। शैलेन्द्र के नीचे उतरते ही एक टोल कर्मी ने उसकी टांगों पर जोरदार तरीके से पाइप मारी। विरोध करने पर टोल कर्मियों द्वारा पत्थरबाजी शुरु कर दी गई। जिसके बाद पीड़त किसी तरह वहां से जान बचाकर भागे। तभी हाईवे पर ही बस को स्विफ्ट डिजायर कार व एम्बुलेन्स ने ओवरटेक करके रोक लिया। कार व एम्बुलेन्स से उतरे लोगों ने गाली गलौज और पथराव करते हुए, बस का दरवाजा खोलने का दबाव बनाया।
जान का खतरा देख परिजनों ने 112 नंबर पर कॉल की। कॉल करने के बाद जैसे ही पुलिस कर्मी आए तो टोल मैनेजर हितेश प्रताप सिंह और उनके साथी पुलिस के सामने ही गाली देने लगे। उन लोगों ने पुलिस के सामने ही कहा कि “बस को आग लगा दो, चाहे हत्या ही करनी पड़े लेकिन इन से पैसा वसूलना है।” 112 नंबर के पुलिसकर्मियों ने हम लोगों की चोट को देखा और बयान रिकार्ड भी किया। लेकिन, पुलिसकर्मियों ने हम लोगों को समझते हुए कहा कि “टोल प्लाजा का मैनेजर बहुत दबंग है, आप लोग बचिए, ये इनकी आए दिन की गुण्डागर्दी है।”
लेकिन, इसके बाद जो घटना हुई वह सबसे ज्यादा हैरान करने वाली है। 112 नंबर के पुलिसकर्मियों के जाने के बाद वहां थाना प्रभारी बिरनो, अपनी सरकारी गाड़ी से आए। थाना प्रभारी ने आते ही टोल मैनेजर हितेश सिंह से कहा- “किन-किन मा@$%^ को पकड़ना है, तुम पहचान करके बताओ।”
थाना प्रभारी के सामने वसूली रंगदारी
थाना प्रभारी के इतना कहते ही 10 पुलिसकर्मियों ने बस में बैठे लोगों को उतारकर एम्बुलेन्स और पुलिस वाहन में बैठा लिया। फिर एम्बुलेन्स को सुनसान जगह पर रोका गया। पुलिस वालों के सामने ही टोल मैनेजर व उनके 3 साथियों ने सभी की तलाशी ली।
तलाशी के दौरान कुल 1 लाख 2 हजार रुपए की नकदी और सोने के आभूषण मिले, जो टोलकर्मियों द्वारा छीन लिए गए। पर बात यहीं पर नहीं समाप्त हुई। उसके बाद सभी पीड़ितों को रात 12:30 बजे थाने ले जाया गया। जहां हितेश भी मौजूद था। थाना प्रभारी ने गाली देते हुए कहा कि तुम लोग टोल प्लाजा पर झगड़ा किए हो। सभी पर लूट का मुकदमा लिखूंगा और जेल भेजूंगा।
तभी टोल मैनेजर हितेश सिंह ने थाने में ही कहा कि अगर 5 लाख और नहीं दोगे तो गाजीपुर से सभी की लाश जाएगी। तब शिकायतकर्ता जनार्दन चौबे भयभीत हो गए, उन्होंने शैलेश कुशवाहा नामक व्यक्ति के PhonePe नंबर पर 2 लाख रुपये ऑनलाइन मंगवाए।
पीड़ितों की तहरीर के अनुसार, थाना प्रभारी की मौजूदगी में यह सब घटना हुई। उसी समय SHO ने टोल मैनेजर हितेश प्रताप सिंह से अपने हिस्से के 80 हजार रूपये ट्रांसफर करवाए। शिकायतकर्ता सीनियर एडवोकेट जनार्दन चौबे ने बताया कि इस जघन्य घटना के तमाम इलेक्ट्रानिक साक्ष्य व पीड़ित चश्मदीद मौजूद हैं।
क्या हुई कार्रवाई?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने गुरुवार को इस मामले में अभियोग पंजीकृत किया है। घटना के समय तैनात SHO देवेंद्र यादव को SP ने निलंबित कर दिया है। वहीं, थाने का चार्ज नए प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार मिश्रा को दिया गया है। SHO अशोक कुमार मिश्रा ने बताया कि अधिवक्ता की तहरीर पर अभियोग दर्ज कर जांच की जा रही है।
उन्होंने बताया कि प्रतिवादी पक्ष (टोल प्लाजा) के लोगों ने आरोप लगाया है कि वकील व उनके परिवार वालों ने टोल प्लाजा पर काफी तोड़ फोड़ की और क्षतिपूर्ति के एवज में ऑनलाइन 2 लाख रुपये जमा कराए गए हैं। SHO के अनुसार, पुलिस की उपस्थिति में दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ था। हालांकि अभी मामले की जांच जारी है। इस मामले में टोल प्लाजा के मैनेजर का पक्ष नहीं मिल सका है।