New Delhi: दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की रिमांड को लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। ईडी ने कोर्ट में दलील दी कि अरविंद केजरीवाल शराब नीति घोटाले के मुख्य आरोपी हैं। वह सीधे तौर पर नीति के कार्यान्वयन और दक्षिण समूह को लाभ पहुंचाने में शामिल हैं।
इस मामले में केजरीवाल के करीबी विजय नायर भी शामिल थे। ईडी की तरफ से दलील पेश करते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि उस भारी मात्रा में नकदी पर ध्यान दें, जो कई हाथों में इधर-उधर हुई है। उन्होंने कहा 100 करोड़ की रिश्वत देकर साउथ लॉबी को करीब 592 से 600 करोड़ का फायदा हुआ, यह भी अपराध का हिस्सा है।
चेन्नई से पैसा यहां आता है फिर वो गोवा जाता है।
जांच में सामने आया है कि हवाला के जरिए साउथ ग्रुप से मिले 45 करोड़ का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने 2021-22 में गोवा कैंपेन में किया था। पैसा जो आता था वह चार रास्तों से आता था। इस दौरान उन्होंने इस धन के सोर्स का भी खुलासा किया। उन्होंने कहा अरविंद केजरीवाल ने जानबूझकर समन की अवहेलना की है।
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जांच के समय उन्होंने सही तथ्य नहीं दिए। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा हाई कोर्ट ने केजरीवाल को कोई अंतरिम राहत नहीं दी है। सरकारी गवाह की विश्वसनीयता मुकदमे के दौरान की जांची जा सकती है। चेन आफ मनी ट्रेल का पता लगाने के लिए केजरीवाल के रिमांड की जरूरत है। बड़ी संख्या में डिजिटल सबूत मिटाए गए हैं और इसके कारण जांच एजेंसी को काफी परेशानी हुई है।
दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फिलहाल कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। बता दें कि गुरुवार को हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 2 घंटे की पूछताछ के बाद रात में गिरफ्तार किया था।
वहीं अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक PIL दाखिल हुई है, जिसमें अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग की गई है।
यह याचिका दिल्ली निवासी सुरजीत सिंह यादव ने दायर की है। उनका कहना है कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
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