Varanasi News- गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने व गोकशी बन्द कराने को लेकर
कई हिन्दूवादी संगठन एक साथ आ रहे हैं। बता दें कि इस उद्देश्य को लेकर वाराणसी से
पदयात्रा कर रहे ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती
के समर्थन में संस्कृत संरक्षण मंच भी आगे आया है।
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शंकराचार्य के समर्थन
में शुक्रवार को मंच के अध्यक्ष डॉ साकेत शुक्ला के नेतृत्व में सम्पूर्णानंद संस्कृत
विश्वविद्यालय के शिक्षकों व विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय से आजाद पार्क लहुराबीर
तक पदयात्रा की। इस दौरान छात्र गौमाता व शंकराचार्य का चित्र अंकित पोस्टर लहराते
हुए गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करो, गोकशी बंद करों का नारा भी लगाते रहे।
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पदयात्रा के बाद सभा का आयोजन किया गया। आयोजित
सभा में डॉ साकेत शुक्ला ने कहा कि देशी गौमाता के दूध का हम लोग पान करते हैं। गौमाता
से हम लोगों की पहचान है। हम लोग जब यज्ञ करते हैं तो उसमें दसविध स्नान का प्रावधान
है। हम लोग पंचगव्य का प्राशन करते हैं, आयुर्वेद में भी गौमाता का बहुत महत्व है।उन्होंने कहा कि गौ
मूत्र से कैंसर जैसे रोगों की दवाएं बनती हैं। सनातन धर्मियों के इस देश ने गोकशी पूर्णतया
प्रतिबंधित कर गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करना चाहिए।
डॉ साकेत शुक्ला ने
बताया कि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद वृंदावन से दिल्ली तक पन्द्रह दिवसीय
नंगे पांव पदयात्रा कर रहे हैं। उनके समर्थन में विश्वविद्यालय के पूर्वी द्वार से
आजाद पार्क लहुराबीर तक पदयात्रा निकाली गई। पदयात्रा में भरत उपाध्याय, गणेश गिरी, रत्नाकर, रोहित मिश्रा,
प्रत्यूष त्रिपाठी, देवैज्ञ कृष्ण, जगदम्बा मिश्रा, सत्यजीत तिवारी, पारस यादव, अतुल मिश्रा आदि शामिल
रहे।