Kanpur News- कानपुर में कई दिनों तक खेले जाने वाली होली का समापन गंगा मेला के साथ इस
बार 30 मार्च को होगा। बता दें कि इस बार 30 मार्च को अनुराधा नक्षत्र पड़ रहा है। इस दिन हटिया के रज्जन
बाबू पार्क से रंगों का मेला निकला जाएगा। इस असवर पर कानपुर हटिया होली महोत्सव
कमेटी की सीएम योगी से मांग है कि बिठूर महोत्सव की तर्ज पर कानपुर होली उत्सव
प्रत्येक वर्ष स्थानीय प्रशासन या सांस्कृतिक मंत्रालय शासन द्वारा कराया जाए।
कानपुर
जिले के बिरहाना रोड स्थित
खत्री धर्मशाला में प्रेस वार्ता में कानपुर हटिया होली महोत्सव कमेटी के संयोजक
मूलचंद्र सेठने शुक्रवार को
कहा कि पूरे देश में कानपुर ही एक ऐसा शहर है,
जहां पर होली का उत्सव सात दिनों तक
मनाया जाता है। अनुराधा नक्षत्र के दिन पड़ने वाला गंगा मेला आजादी के दीवानों की
याद कराता है। उन्होंने बताया कि होलिका दहन 24 मार्च को होगा,
लेकिन कानपुर रंगों का समापन कानपुर
हटिया होली मेला के साथ होता है। कानपुर नगर अपनी अनूठी एवं
महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं के लिए पूरे देश में अपना एक विशेष महत्व रखता है।
आगामी 24 मार्च को होली है। कानपुर की होली पूरे भारत में अपना अलग
स्थान रखती है क्योंकि कानपुर में होली से लेकर कानपुर हटिया होली मेला तक होली का
उल्लास रहता है।
उन्होंने बताया
कि इस बार 83वां होली मेला 30 मार्च को अनुराधा नक्षत्र में प्राचीन
परम्परा के अनुसार होगा। होली मेले का शुभारंभ प्रातः 9:45 बजे क्रान्तिकारियों के शिलालेख में पुष्पांजलि करके
जिलाधिकारी कानपुर नगर व पुलिस कमिश्नर कानपुर नगर तिरंगा झण्डा फहराकर किया जाएगा। इस दौरान पुलिस बैण्ड द्वारा राष्ट्रीय धुन बजायी
जाती है। तत्पश्चात् रंग ठेले का शुभारंभ हटिया
रज्जन बाबू पार्क से जिलाधिकारी व पुलिस कमीश्नर द्वारा होगा। रंग ठेले मार्ग
हटिया रज्जन बाबू पार्क से प्रारम्भ होकर जनरल गंज बाजार, मनीराम बगिया, मेस्टन रोड, चौक, टोपी बाजार, कोतवालेश्वर मन्दिर चौक, चौक सर्राफा, बीच वाला मन्दिर मेस्टन रोड, कोतवाली चौराहा, संगम लाल मन्दिर, कमला टावर, फीलखाना, बिरहाना रोड, नयागंज चौराहा, शतरंगी मोहाल, लाठी मोहाल, जनरलगंज बाजार होते हुए हटिया रज्जन
बाबू पार्क में आकर पूर्ण विश्राम लेता है।
कानपुर का होली
मेला पूरे देश में कानपुर की पहचान है। हम लोग प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी
आदित्यानाथ से मांग करते हैं कि बिठूर महोत्सव की तर्ज पर कानपुर होली उत्सव
प्रत्येक वर्ष स्थानीय प्रशासन या सांस्कृतिक मंत्रालय शासन द्वारा कराया जाए।