Varanasi News: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद में संचारी रोगों से निपटने के लिए विशेष दस्तक अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान 10 अप्रैल से शुरू होगा, जो 30 अप्रैल तक चलेगा। अभियान के सफलता पूर्वक संचालन के लिए जिला टास्क फोर्स की बैठक भी सम्पन्न हो चुकी है।
मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल के अनुसार स्वास्थ्य विभाग व विभिन्न विभागों के आपसी समन्वय से डेंगू, मलेरिया, टीबी, फाइलेरिया आदि संचारी रोगों की रोकथाम के लिए यह अभियान पूरे अप्रैल माह तक चलाया जाएगा।
समस्त विभागों के सामंजस्य से इस अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पंचायती राज एवं ग्राम्य विकास विभाग को निर्देशित किया गया है, कि आपसी समन्वय से साफ-सफाई का कार्य, लार्वी साइडल स्प्रे, फॉगिंग, खराब इण्डिया मार्क-2 हैण्डपम्प की मरम्मत एवं उथले हैण्डपम्पों के चिन्हीकरण, नालियों एवं तालाबों की साफ-सफाई एवं मार्गों के खरपतवार/झाड़ियों की कटाई-छंटाई का कार्य कराया जाए। हाई रिस्क वाले गांव व क्षेत्रों की विशेष निगरानी की जाए। जिससे वेक्टर घनत्व नियंत्रित किया जा सके।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी व नगर निगम को निर्देशित किया गया है कि संक्रामक रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए माइकिंग के माध्यम से प्रचार-प्रसार का कार्य कराया जाए। सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि इस अभियान में संचारी रोग जैसे- डेंगू, मलेरिया, दिमागी बुखार आदि के साथ ही टीबी, कुष्ठ, कालाजार एवं फाइलेरिया के लक्षणयुक्त मरीजों को भी चिन्हित करने पर जोर दिया जाएगा। अभियान में आशा व आगंनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों का आभा ID बनाने, डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया आदि संचारी रोगों के प्रति जागरूक करेंगी।
इनमें बुखार के रोगियों की सूची, आईएलआई (इनफ्लुएंजा लाइक इलनेस) रोगियों की सूची, क्षय रोग (टीबी) के लक्षण युक्त व्यक्तियों की सूची, कुष्ठ, फाइलेरिया एवं कालाजार रोगों के लक्षण युक्त व्यक्तियों की सूची, कुपोषित बच्चों की सूची शामिल होगी।
सीएमओ ने नागरिकों से अपने घर व आसपास साफ सफाई रखने, जल जमाव न होने देने, कूलर, फ्रिज की ट्रे का पानी सप्ताह में बदलते रहने, जल पात्रों जैसे गमला, मटका, टब, बाल्टी, ड्रम, टंकी, टायर आदि में भी पानी न एकत्र होने देने की अपील की है
उन्होंने कहा कि पानी में जला हुआ मोबिल ऑयल या लार्वा नाशक रसायन डालें, मच्छरदानी का प्रयोग करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। खुले बदन न सोएं। कोई भी बुखार घातक हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर जांच कराएं व डॉक्टर की सलाह पर ही अपना इलाज कराएं। अधिक से अधिक तरल पदार्थों, शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
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