Muradabad News- मुरादाबाद की प्राचीन सिद्धपीठ शीतला देवी मंदिर में
मंगलवार से 14 दिवसीय बसौड़ा मेले का शुभारंभ हो गया।
यह मेला दुल्हैंडी के अगले दिन प्रारंभ हो जाता है और चैत्र नवरात्र के प्रारंभ
होने तक चलता है। बता दें कि सुबह से ही माता शीतला के पूजन के लिए श्रद्धालुओं की
लंबी कतारें लग गईं। श्रद्धालुओं ने पूजा करके प्रसाद व जल चढ़ाया, मोरपंखी से आशीर्वाद लिया और मंदिर परिसर में परिवार संग बैठकर बासी भोजन
ग्रहण किया।
बताते चलें कि शीतला देवी माता का मंदिर 500 वर्ष से भी अधिक पुराना है। बसौड़ा मेला प्रारंभ होते ही
मंदिर परिसर के अलावा बाहर सड़क तक पूजन सामग्री, खिलौने, झूले और चाट-पकौड़ी की दुकानें सज गई हैं। आज सुबह पांच बजे माता की आरती के
बाद मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। शीतला माता के पूजन के लिए हर
वर्ष मुरादाबाद समेत पड़ोसी जनपदों से भी श्रद्धालु आते हैं। नव-विवाहिता बहुएं
शीतला माता को प्रसाद चढ़कर अपनी ससुराल के लिए प्रस्थान करती हैं।
जानिए
क्या है मान्यता
मान्यता है कि होलिका दहन के बाद वायुमंडल का तापमान
बढ़ता है और उसे ठंडा करने के लिए माता शीतला पर जल चढ़ाया जाता है। बसौड़ा मेले में
काफी श्रद्धालु बच्चों को मुंडन के लिए भी लाते हैं। इसके अलावा नव-विवाहित जोड़े
माता से सुखद दांपत्य-जीवन के लिए आशीर्वाद लेते हैं। मंदिर के महंत पंडित गोस्वामी ने
बताया कि मंदिर परिसर में शीतला माता के साथ हुल्का माता, फूलवती माता, काली माता, भगवान श्री विष्णु, हनुमान जी, भगवान श्री कृष्ण और शिव परिवार की
मूर्तियां हैं। मंगलवार को मंदिर परिसर के बाहर सड़क तक माता के पूजन के लिए नारियल, चुनरी और प्रसाद खरीदने वालों की भीड़ लगी रही। वहीं बच्चों ने मेले में लगे
झूलों का आनंद लिया।