सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला में ASI सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। दरअसल मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसाइटी ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बैंच के 11 मार्च के साइंटिफिक सर्वे के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसपर जस्टिस ऋषिकेश रॉय और पीके मिश्रा की बेंच ने केंद्र सरकार, मध्य प्रदेश सरकार, एएसआई और अन्य को नोटिस जारी किए हैं। बेंच ने चार हफ्तों में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
बेंच ने कहा कि सर्वे के नतीजों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना यहां कोई फैसला न लिया जाए। यह भी स्पष्ट किया जाता है कि भोजशाला परिसर में ऐसी कोई भौतिक खुदाई न की जाए, जिससे इस परिसर का भौतिक चरित्र परिवर्तित हो।
क्या है पूरा मामला ?
बता दें मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला लंबे समय से विवादों में रही है। हिंदू,, भोजशाला को वाग्देवी देवी सरस्वती का मंदिर मानते हैं। हिंदू संगठन के लोग बताते हैं कि धार की ऐतिहासिक भोजशाला उसके नाम से ही स्पष्ट है कि यह राजा भोज द्वारा स्थापित सरस्वती सदन है। यहां कभी 1000 वर्ष पूर्व शिक्षा का एक बड़ा संस्थान हुआ करता था। बाद में यहां पर राजवंश काल में मुस्लिम समाज को नमाज के लिए अनुमति दी गई, क्योंकि यह भवन अनुपयोगी पड़ा था।
हिंदू समाज का ये भी दावा है कि ये दरगाह नहीं बल्कि राजा भोज के काल में स्थापित सरस्वती सदन भोजशाला है।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद से भोजशाला में ASI सर्वे जारी है। सोमवार को सर्वे का 11वां दिन था। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश देते हुए इसपर रोक से इनकार कर दिया है।