नई दिल्ली: बांग्लादेश में विपक्षी नेता भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर रहे थे। पिछले कुछ दिनों से विपक्षी दलों के नेता ‘इंडिया आउट’ कैंपेन चला रहे हैं। साथ ही विपक्षी दल के नेता प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत प्रायोजित करार दे रहें हैं। जनवरी में लगातार चौथी बार शेख हसीना चुनाव जीत कर प्रधानमंत्री बनी हैं, जिसके बाद से विपक्षी दल के नेताओं ने ‘इंडिया आउट’ कैंपेन को और तेज कर दिया है।
चुनाव जीतने के बाद से हसीना और उनकी अवामी लीग पार्टी के विरोधियों ने उन्हें “भारत समर्थक” करार देने की कोशिश की है। साथ ही दावा किया है कि भारत ने उन्हें जनवरी में हुए चुनाव जीतने में मदद की। हालांकि, शुरुआत में भारत विरोधी कैंपेन पर शेख हसीना चुप रहीं। लेकिन, अब वह मुखर हो गई हैं। अब उन्होंने ‘भारत का बहिष्कार अभियान’ चलाने वाले विपक्षी दल के नेताओं को चुनौती दी है।
उन्होंने बांग्लादेश के प्रमुख विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BPN) के नेताओं की आलोचना करते हुए भारत की तुलना “महान मित्र” के रूप में करते हुए सराहना की है। साथ ही शेख हसीना ने कहा कि अगर विपक्षी दलों के नेता भारतीय वस्तुओं का बहिष्कार करना चाहते हैं, तो वह पहले यह बताएं कि उनकी पत्नियों के पास कितनी भारतीय साड़ियां हैं। क्या वह लोग अपने पार्टी कार्यालय के सामने उन साड़ियों की होली जलाएंगे। शेख हसीना ने आगे कहा कि जब बीएनपी सत्ता में थी, तो मैंने उनके नेताओं की पत्नियों को भारतीय साड़ियां खरीदने के लिए भारत जाते देखा था। वे भारत से साड़ियां खरीद कर बांग्लादेश में बेचती थीं।
शेख हसीना ने सिर्फ साड़ियों का ही जिक्र नहीं किया। उन्होंने भारत का विरोध करने वाले नेताओं से पूछा कि हम भारत से गरम मसाला, प्याज, लहसुन, अदरक और कई अन्य चीजें आयात कर रहे हैं। क्या बीएनपी नेता भारतीय मसालों के बिना खाना खा सकते हैं? उन्हें सब्जी में भारतीय मसाले डाले बिना बनानी चाहिए। बता दें कि बांग्लादेश में प्याज, लहसुन और सब्जी मसालों की भारी किल्लत है। शेख हसीना सरकार के आग्रह पर मोदी सरकार ने रमज़ान और ईद को देखते हुए बांग्लादेश को 50,000 टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी है।