अयोध्या: 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद अयोध्या पूरी तरह से बदल चुकी है। रामलला की जन्मभूमि अयोध्या नव्य और दिव्य होने के साथ-साथ, विश्व के धार्मिक स्थलों की राजधानी बन कर उभरी है। क्योंकि, रामनगरी के महत्व का बखान आंकड़े स्वयं कर रहे हैं। 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी, तब से लेकर अब तक, यहां 1 करोड़ से भी अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। जो कि अपने आप में ऐतिहासिक है।
अयोध्या दुनिया की पहले ऐसी धार्मिक नगरी बन चुकी है। जहां औसतन 2 लाख श्रद्धालु प्रति दिन दर्शन-पूजन करने आ रहे हैं। यहां प्राण प्रतिष्ठा के बाद से सिर्फ 49 दिनों में 1 करोड़ से अधिक लोग पहुंच चुके हैं। जबकि, अयोध्या की तुलना में अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालु के पहुंचने की संख्या बहुत कम है। ईसाइयों के सबसे बड़े धार्मिक स्थल वेटिकन सिटी में साल भर में करीब 90 लाख लोग आते हैं। वहीं, मुस्लिमों के सबसे बड़े मजहबी स्थल मक्का में पिछले वर्ष 1.35 लोग पहुंचे थे। जबकि, यूपी पर्यटन विभाग का अनुमान है कि इस वर्ष के अंत तक अयोध्या में 8 करोड़ से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं।
लाखों को मिल रहा रोजगार
अयोध्या में जहां लाखों लोग प्रतिदिन दर्शन के लिए आ रहे हैं। वहीं, बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। धार्मिक स्थलों पर व्यवसाय की पड़ताल करने वाली एजेंसी ह्युमन कैपिटल सास प्लेटफॉर्म बेटरप्लेस के अनुसार, 4-5 सालों में अयोध्या में डेढ़ से दो लाख लोगों को रोजगार मिल सकता है।
रामलला का मंदिर बनने के बाद यहां जमीन का भाव 10 गुना तक बढ़ा है। करीब 700 लोगों ने अपने घरों को होम स्टे में परिवर्तित कर लिया। 2 वर्षों में करीब 100 होटल बनकर तैयार हुए हैं। कई बड़े होटलों का निर्माण चल रहा है। 2047 तक अयोध्या का स्वरूप बिलकुल बदल जाएगा। यहां केंद्र और यूपी सरकार करीब 30 हजार करोड़ का निवेश करने की तैयारी कर रही है। जिसमें विश्न स्तरीय अस्पताल, हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन और सड़कों के निर्माण को शामिल किया गया है।
काशी में 7 गुना बढ़ी श्रद्धालुओं की संख्या
अयोध्या के साथ-साथ मथुरा और काशी को भी विश्व स्तरीय तीर्थ के रूप में विकसति करने की तैयारी चल रही है। यहां भी पहले की अपेक्षा अब बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। 13 दिसंबर 2021 को पीएम मोदी ने विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन किया था, जिसके बाद से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन काशी पहुंच रहे हैं। कॉरिडोर बनने के बाद यहां श्रद्धालुओं की संख्या 7 गुना तक बढ़ी है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर 5 लाख स्क्वायर फिट में बना है। जिसको बनाने में 900 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इसके अलावा काशी के विकास के लिए केंद्र सरकार ने 60 हजार करोड़ के कई प्रोजेक्ट पास किए हैं।
मथुरा में प्रति वर्ष पहुंच रहे 6 करोड़ श्रद्धालु
अयोध्या, काशी के अलावा मथुरा में भी हर साल 6 करोड़ लोग आ रहे हैं। यूपी पर्यटन विभाग के अनुसार, 2022 में यहां करीब 6.52 श्रद्धालु पहुंचे। मथुरा में श्री कृष्ण जन्माष्टमी प्रमुख रूप से मनाई जाती है। इस अवसर पर यहां 20 लाख लोग पहुंचते हैं। मथुरा आने वाले भक्तों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए, यहां सरकार ने 505 करोड़ की लागत से कॉरिडोर बनाने का फैसला लिया है। इसके अलावा बजट में मथुरा के विकास के लिए 120 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इस पैसौं से मथुरा के घाटों का सौंदर्यीकरण होगा। साथ ही शहर के बाहर स्वागत द्वारों का निर्माण किया जाएगा।