Ayodhya News- 17 अप्रैल को देशभर में रामनवमी पर्व हर्षोउल्लास और उत्साहपूर्वक मनाया जाएगा। एक तरफ जहां पर्व की तैयारियां की जा रही हैं। वहीं इस अवसर पर अयोध्या में रामलला के लिए भक्त उपहार समर्पित करने पहुंच रहे हैं। बता दें कि एक भक्त ने रामलला को 7 किलो सोने की रामायण अर्पित की है। सोने के पन्नों पर लिखी इस रामायण को गर्भगृह में स्थापित किया गया है।
यह भी पढ़ें- हमीरपुर- अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और फिर बंधक बनाकर दुष्कर्म का आरोपी मुबारक अली पहुंचा सलाखों के पीछे
अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर रिटायर्ड आईएएस अधिकारी लक्ष्मी नारायन ने अपने जीवन भर की कमाई को रामलला के लिए समर्पित करने का संकल्प लिया था। इस संकल्प को पूरा करने के लिए उन्होंने 5 करोड़ की लागत से 151 किलो वजन की रामचरित मानस बनवा कर तैयार करवाई है। 10 हजार 9 सौ 2 छंदों वाली रामायण के प्रत्येक पृष्ठ पर 24 कैरेट सोने की परत चढ़ी है। गोल्डन प्रतिकृति में लगभग 480 से 500 पेज हैं। साथ ही इस रामायण को तैयार करने में 140 किलो तांबे का भी प्रयोग किया गया है। इसको बनवाने में करीब 5 करोड़ रुपए की लागत आई है। इस रामायण को मंदिर के गर्भगृह में रखा गया है।
राम मंदिर में कलश स्थापना के साथ 9 दिवसीय जन्मोत्सव शुरु
9 अप्रैल से चैत्र शुक्ल नवरात्रि का आरम्भ हो चुका है। इस अवसर पर अयोध्या में रामनवमी मेला का आयोजन किया जा रहा है। पहले दिन 2 लाख श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में डुबकी लगाई और हनुमान गढ़ी के बाद राम मंदिर में दर्शन किए। वहीं राम मंदिर में नवरात्रि की शुरुआत पर सुबह 4 बजे रामलला का जलाभिषेक कर श्रृंगार पूजन किया गया। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बताया कि प्राण-प्रतिष्ठा के पश्चात् पहली बार प्रभु के वस्त्रों की शैली को बदला गया है। मयूर व अन्य वैष्णव चिन्हों को रंग-बिरंगे रेशम के साथ-साथ सोने और चांदी की बनी तारों से कढ़ाई किए गए सूती वस्त्र में भक्त रामलला के दर्शन करेंगे। मंदिर के गर्भगृह में चांदी का कलश स्थापित किया गया है। 11 वैदिक आचार्यों के द्वारा बाल्मीकि रामायण का नवाह परायण, राम रक्षास्त्रोत और दुर्गा सप्तशती के पाठ के साथ 9 दिवसीय आयोजन की शुरुआत की गई है।