Lucknow News- म्यांमार नौकरी करने गए उत्तर प्रदेश के 3 इंजीनियर दोस्तों सागर चौहान, राहुल उर्फ आरुष गौतम और अजय कुमार को वहां बंधक बना लिया गया है। उनको छोड़ने के लिए परिजनों से अभी तक 8.14 लाख की फिरौती की वसूली भी की जा चुकी है। रकम देने के बावजूद भी युवकों की उनके परिजनों से बात तक नहीं करवाई जा रही है।
बंधक बनाए गए तीनों युवकों ने अपने-अपने घरवालों को व्हाट्सएप पर वीडियो भेजें हैं, जिसमें उन्होंने बताया है कि उनके साथ वहां बर्बरता की जा रही है। 18-20 घंटे काम कराने के साथ-साथ बहुत कम खाना दिया जा रहा है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक शॉक भी दिए जा रहे हैं। इस मामले में एक युवक के भाई जोगिंदर चौहान ने डालीगंज में स्थित एंटी ह्यूमेन ट्रैफिकिंग यूनिट थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर में उसके दोस्त व एक मलेशियन एजेंट को नामजद आरोपी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि बंधक बनाए गए युवकों से साइबर क्राइम करवाया जा रहा है।
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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गुडंबा पुलिस थाना क्षेत्र के आधार खेड़ा गांव के रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर जोगिंदर चौहान ने बताया कि उनके 24 वर्षीय भाई सागर चौहान सिविल इंजीनियर हैं। बीती 26 मार्च को वह बसहा गांव निवासी अपने दोस्त राहुल उर्फ आरुष गौतम के साथ मलेशिया जाने की बात कहकर निकला था। दूसरे दिन जब उससे बात हुई तो उसने बताया कि राहुल की कंपनी ने म्यांमार में नौकरी दिलाने की बात कही है, इसलिए वह म्यांमार चले गए हैं। साथ में उनका तीसरा दोस्त बाराबंकी निवासी अजय कुमार भी है।
पुलिस ने विदेश मंत्रालय से किया संपर्क
जोगिंदर के मुताबिक 28 मार्च को जब सागर की कॉल आई तो उसने बताया कि वहां उसको बंधक बना लिया गया है। उनका टॉर्चर किया जा रहा है। इसके बाद उसे छोड़ने के लिए रुपए की मांग की गई। जोगिंदर ने बताया कि 2, 3 व 4 अप्रैल को कुल तीन बार में 8 लाख 14 हजार रुपए उसको भेज दिए। तब से सागर से कोई बात नहीं हो पा रही है। इसलिए जोगिंदर ने आरुष गौतम व मलेशिया के रॉबिन हुड नाम के शख्स पर एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर केस दर्ज किया है। उससे साफ है कि तीनों दोस्त फंसे हुए हैं। कमिश्नरेट पुलिस ने विदेश मंत्रालय से संपर्क कर प्रकरण की जानकारी दी है। बंधक बनाए गए युवकों की वापसी की जद्दोजहद में जुटी है।
चीन की बताई जा रही साइबर फ्रॉड करने वाली कंपनी
जोगिंदर ने पुलिस को बताया कि भाई सागर से बात हुई तो उसने बताया था कि वहां लोग उनसे साइबर फ्रॉड करवाते हैं। तमाम नंबर देकर उन पर कॉल करवाते हैं और फिर तरह-तरह का झांसा देकर लोगों से ठगी की जाती है। इसके लिए हर किसी को रोजाना का टारगेट देते हैं। जो पूरा नहीं कर पाता है, उस पर बर्बरता करते हैं। जिस कंपनी ने बंधक बनाया है वह चीन की बताई जा रही है।
बंधक बनाए गए इंजीनियर सागर चौहान के बैंक खाते का कर रहे दुपयोग
जोगिंदर ने बताया कि फिरौती की रकम देने के लिए म्यांमार के किसी शख्स का खाता नंबर दिया गया था। जिसमें डॉलर ट्रांसफर करने की बात कही थी। जो वह नहीं कर पाए। इसलिए उन्होंने पूरी रकम सागर के खाते में भेज दी। तब से हर दिन भाई के खाते से एक-एक लाख रुपए अलग-अलग बैंक खातों में भेजे जा रहे हैं। संबंधित बैंक से संपर्क कर उन खातों का विवरण मांगा गया है।
सागर को कर रहे सबसे ज्यादा प्रताड़ित
राहुल द्वारा परिवार को भेज गए वीडियो में उसने कहा कि वह मलेशिया में कई महीने नौकरी कर चुका था। दोबारा वहां नौकरी करने के लिए सुपर वाइजर रॉबिन से संपर्क किया। उसके कहने पर अपने दो दोस्तों सागर और अजय को ले आया। इन लोगों ने मेरी म्यांमार की टिकट कराई। तब कुछ शक हुआ लेकिन रॉबिन ने कहा कि म्यांमार से मलेशिया भेजा जाएगा। इसलिए वह वहीं चला गया। राहुल के मुताबिक सभी को बंदूक की नोक पर बंधक बनाकर साइबर फ्रॉड कराया जा रहा है। सागर को अलग कमरे में बंद करके सबसे अधिक प्रताड़ित किया जा रहा है।
500 से अधिक युवक हैं कैद
राहुल के मुताबिक जहां पर वह व उनके दोस्त बंधक हैं, वहां पर अलग-अलग देशों केकरीब 500 युवक बंधक बने हैं। उनसे भी उसी तरह का काम कराया जाता है।