Lucknow News- उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड के दूसरे मास्टर मांइड रवि आत्रे को UP-STF ने गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि मेरठ टीम ने उसे बुधवार को गौतमबुद्ध नगर में जेवर के बस स्टैंड से पकड़ा है। टीम ने उसके पास से तीन प्रश्न-पत्र, मोबाइल फोन, पेन ड्राइव और एक मेट्रो पास बरामद किया है। टीम के मुताबिक उसने सिपाही भर्ती परीक्षा के प्रश्न-पत्रों को बॉक्स खोलकर निकाला था।
बता दें कि योगी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा-2024 में 60244 रिक्त पदों के लिए जगह निकाली गई थी। परीक्षा के लिए 48 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिनमें 16 लाख महिला अभ्यर्थी भी शामिल हैं। परीक्षा 17 और 18 फरवरी को यूपी के 75 जिलों में आयोजित की गई थी। पेपर लीक की बात सामने आने के बाद इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया था।
सोशल मीडिया पर वायरल पेपर ने खड़ा किया था हंगामा
पेपर लीक का मामला सबसे पहले परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों द्वारा उठाया गया था। उनका कहना था कि पुलिस भर्ती परीक्षा का
पेपर लीक हुआ है। हकीकत सामने आने के बाद सरकार ने परीक्षा को निरस्त कर दिया था। इस पूरे प्रकरण की जांच UP-STF को सौंप दी गई थी। जिसके बाद इस मामले में TSI एक्सप्रेस ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्मचारी अभिषेक शुक्ला सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया
गया। इसके बाद पेपर लीक करने में अहम भूमिका निभाने वाले राजीव नयन मिश्रा को पकड़ा गया। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट कंपनी में रखे पेपर बॉक्स का सील खोलने वाले बिहार के डॉ शुभम मंडल और अभ्यर्थियों को पेपर पढ़ाने वाले कोचिंग संचालक अमित सिंह को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में दूसरे मास्टरमाइंड रवि आत्रे को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने बताया कि जांच के दौरान रवि आत्रे और यूपी पुलिस पेपर लीक से जुड़े कई तथ्य सामने आए हैं। रवि आत्रे को पता था कि TCI गतिब्लू-डाट जैसी ट्रांसपोर्ट कम्पनी से परीक्षा का पेपर आता है। इसकी जानकारी होने पर उसने ऐसी कंपनियों में काम करने वाले कई लोगों से दोस्ती की और उनसे मुलाकातें करने लगा। इसी में एक टीएसआई एक्सप्रेस ट्रांसपोर्ट कंपनी
अहमदाबाद में काम करने वाले अभिषेक शुक्ला से हुई। पेपर लीक कराने को लेकर रवि आत्रे ने उसे करीब 15 लाख रुपए दिए। उसी
के सहारे पेपर लीक किया गया।