उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भारी बारिश हो रही है। लगातार होने वाली बारिश की वजह से वहां से तीन लाख क्यूसेक से अधिक पानी गंगा और यमुना नदियों में आने की संभावना है।तीन से चार दिनों में गंगा और यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी के आसार हैं। इसे देखते हुए प्रयागराज जिला प्रशासन ने तराई इलाकों में अलर्ट घोषित किया है।
आपको बता दें रविवार शाम से गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर बढ़ने लगा है। रविवार की शाम से सोमवार शाम तक गंगा के जलस्तर में 14 से.मी. और यमुना के जलस्तर में 38 सेमी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बाढ़ की आशंका को लेकर प्रयागराज जिला प्रशासन ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। गंगा और यमुना नदियों के किनारे 84 बाढ़ चौकियों को सक्रिय करते हुए वहां राजस्व और पुलिस कर्मियों की तैनात कर दिया गया है।
इसके अलावा जनपद के नेवादा, राजापुर, अशोक नगर, स्टेनली रोड, तेलियरगंज, कैंट, शिवकुटी, सलोरी, मम्फोर्डगंज, बघाड़ा, दारागंज, करेली, गौस नगर, सदियापुर आदि क्षेत्रों में 45 बाढ़ राहत केंद्रों को जिला प्रशासन ने चिन्हित किया है, जहां आवश्यक व्यवस्था कराने के निर्देश दे दिए गए हैं। चार अपर जिलाधिकारी और आठ उप-जिलाधिकारियों के साथ एसडीआरएफ, जल पुलिस और पीएसी की बाढ़ कंपनी की भी तैनाती की गई है। शहर में निचले इलाकों में बसे मोहल्लों तथा देहात में गंगापार व यमुनापार के गांवों में बाढ़ की आशंका को लेकर स्टीमर, बोट लगाने की व्यवस्था हो रही है।
मीडिया से बातचीत में सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता बृजेश कुमार ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों के साथ ही मध्य प्रदेश, राजस्थान व उत्तराखंड में वर्षा का पानी गंगा तथा यमुना में आएगा, जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। वहीँ प्रयागराज के जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने बताया कि गंगा और यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी के मद्देनजर निचले इलाकों में आवश्यक व्यवस्था के निर्देश दे दिए गए हैं। आपदा राहत विभाग की टीम लगा दी गई है। राहत केंद्र भी चिन्हित कर लिए गए हैं।