धनबाद
में शिक्षिका से अपमानित होने के बाद स्कूल की 10वीं की छात्रा ने फांसी लगाकर
खुदकुशी कर ली. आरोप है कि स्कूल परिसर में शिक्षिका सिंधु ने छात्रा ऊषा को
सार्वजनिक रूप से थप्पड़ जड़कर उसे विद्यालय से निकाल दिया. जिसके बाद छात्रा ने
अपने घर में दुपट्टे के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
ऊषा की मां वंदना देवी ने पुलिस को बताया कि सोमवार को ऊषा
के जाने के बाद स्कूल से फोन आया और उन्हें विद्यालय बुलाया गया. जब वह स्कूल गईं
तो प्रिंसिपल ने कहा कि उनकी बेटी बहुत बदतमीज़ है और उसी समय ऊषा को स्कूल से
निकाल दिया. घर आने के बाद ऊषा ने कमरे में फांसी लगा ली. ऊषा ने अपने सुसाइड नोट
में प्रिंसिपल और शिक्षिका को मौत के लिए जिम्मेदार माना है.
उधर, इस मामले में पुलिस ने स्कूल के प्रिंसिपल आर के
सिंह और शिक्षिका सिंधु के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. पुलिस का कहना है कि मेडिकल
बोर्ड गठित कर शव का पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा.
वहीं इस मामले पर आरोपी प्रिंसिपल आर के सिंह और
शिक्षिका सिंधु ने सफाई दी है. प्रिंसिपल ने कहा कि एसेंबली के दौरान छात्रा ने
कुछ बदमाशी की थी, इसपर शिक्षिका सिंधु ने उसे समझाया था, जिसपर छात्रा ने पलट कर
जवाब दे दिया. उन्होंने कहा कि थप्पड़ मारने और स्कूल से निकाले जाने की बात गलत
है. वहीं शिक्षिका का कहना है कि मैंने छात्रा को बिंदी लगाकर स्कूल आने से मना
किया तो छात्रा ने मुझे ही अपशब्द कह दिया.