आज राजधानी लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री आवास में Mission Niramaya के तहत मऊ और शामली जिले में निजी मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए MoU हस्ताक्षर किया गया। इसके अलावा क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया QCI की ओर से नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थानों की रेटिंग भी की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की।
इस कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा है कि ”साल 2017 के पहले प्रदेश में मात्र 12 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे और आज यूपी में 45 जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। इसके अलावा 16 निर्माणाधीन है। जिनमें 14 सरकारी और दो निजी हैं और आज दो और नए मेडिकल कॉलेज के लिए MoU हुआ है। सीएम योगी ने आगे कहा कि ”हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज की संकल्पना को साकार करने की ओर आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे में ये मेडिकल शिक्षा के साथ साथ स्वास्थ्य सुविधा गुणवत्तापूर्ण करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
सीएम योगी अदियानाथ ने कहा कि ”मिशन निरामया पिछले वर्ष में शुरू किया गया था और आज वह देश का ब्रांड बन गया है। वहीं मेडिकल के क्षेत्र में नर्सिंग और पैरामेडिकल बैक बोन होता है। साल 2017 से पहले मेडिकल शिक्षा की चर्चा तो की गई लेकिन नर्सिंग और पैरामेडिकल को भूल गए। साथ ही कई जगह पर कॉलेज बिना इंफ्रास्ट्रक्चर, फैकेल्टी के काम कर रहे थे। हमने 6 साल के कार्यकाल में इसे बेहतर करने का काम किया है।
इसके अलावा सीएम योगी ने कहा कि मऊ में मेडिकल कॉलेज स्थापित हो, ये एक वक्त में सपना था। लेकिन, अब साकार हो रहा है। शामली में मेडिकल कॉलेज स्थापित हो, ये अब हकीकत बनता जा रहा है। ये दो जनपद ऐसे थे, जिन्होंने आज से छह वर्ष पहले दूसरे क्षेत्रों में अपना नाम कमाया था। लोग यहां जाने में भयभीत होते थे। मऊ का जिक्र होने पर माफिया के नाम पर लोग भयभीत होते थे। इसी तरह जब शामली का नाम पलायन की वजह से आता था। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अब इन दोनों जनपदों में मेडिकल एजुकेशन के नए संस्थान शुरू किए जाने के लिए एमओयू होना बड़ी उपलब्धि है।