बड़ी खबर लखनऊ से, जहां कोरोना काल में जिला जेल
से पेरोल पर छोड़े गए 43 कैदी अभी भी लापता हैं. इन कैदियों का अब तक कुछ पता नहीं
है. पुलिस अभी भी खाली हाथ नज़र आ रही है. हालांकि जेल प्रशासन की तरफ से इनकी
गिरफ्तारी को लेकर कई बार पत्र लिखे, बावजूद इसके करीब डेढ़ साल से लापता इन
कैदियों का पुलिस का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है. जेल प्रशासन ने एक बार फिर से इन
लापता कैदियों की गिरफ्तारी के लिए कवायद शुरू कर दी है. वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने
पुलिस कमिश्नर को कैदियों की तलाश के लिए पत्र लिखा है.
बता दें कि कोरोना काल में कोविड के बढ़ते
मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को जेलों में बंद 7 साल तक की
सजा वाले सजायाफ्ता कैदियों को पेरोल पर छोड़ने के निर्देश दिए थे, लिहाजा शासन
में गठित हाई पावर कमेटी की संस्तुति पर राजधानी लखनऊ की जिला जेल में बंद 122 कैदियों
को 90 दिन की पेरोल पर रिहा किया गया था. कोरोना के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए इन कैदियों
की पेरोल अवधि भी बढ़ाई गई. इसके बाद शासन ने आदेश जारी कर सभी को जेल में वापस
दाखिल होने के निर्देश दिए. पेरोल की अवधि पूरी होने पर सिर्फ 79 कैदी ही लौटकर
आए. डेढ़ साल की अवधि बीत जाने के बाद भी 43 कैदी लापता बताए जा रहे हैं.
जेल प्रशासन की रिपोर्ट पर लापता कैदियों की
गिरफ्तारी के लिए शासन से पुलिस को कई बार निर्देश दिए गए, पर कैदियों की कोई
गिरफ्तारी नहीं हुई. जिला जेल लखनऊ के जेलर राजेंद्र सिंह के मुताबिक लापता
कैदियों की गिरफ्तारी के लिए शासन के साथ ही संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक को
पत्र लिखा जा रहा है. जेलर ने बताया, हर दो माह पर यह पत्र भेजा जाता है.