उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से जबरन धर्मांतरण का मामला सामने आया है। यहाँ क्षेत्र के दलितों का इलाज करने के बहाने धर्मांतरण किया गया है। खुलासा हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा खोजबीन करने के बाद हुआ है। इस मामले में ईसाई पारवार पर आरोप है की उन्होंने लोगों को इलाज करने के बहाने धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया और जबरन धर्म परिवर्तन कर दिया। इस मामले में लखनऊ से बाराबंकी आए एक ईसाई परिवार पर आरोप लगा है। ये परिवार रेलवे कि भूमि पर कब्जा कर झोपड़ी बनाकर एक सालों से रह रहा है।
बात दें ये मामला बाराबंकी के लोनीकटरा थाना क्षेत्र के मंगलपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास का है। यहां लखनऊ जनपद के मोहनलालगंज तहसील क्षेत्र के हुलसा खेड़ा गांव का रहने वाला बजरंग अपने परिवार के साथ रह रहा है। आरोप है कि वो बीते एक साल से क्षेत्र के अशिक्षित और निर्धन लोगों का इलाज करता था। धीरे-धीरे उसने यहाँ आने वाले लोगों का इलाज करने के बहाने बहकाया और यहां पर आने वाली महिलाएं और पुरुष मंदिर जाना और पूजा-पाठ करना छोड़ने लगे।
बाराबंकी के हैदरगढ़ कस्बे के रहने वाले हिंदू संगठन के कार्यकर्ता विजय हिंदुस्तानी अपने अन्य सहयोगियों के साथ इस मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे। उन्हें यहां झोपड़ी के बाहर क्षेत्र की काफी महिलाएं बैठी मिली। जब इन हिंदू महिलाओं से वार्ता की तो उन्होंने कहा कि हमें यहां आकर काफी फायदा हुआ है। जो दवाओं से फायदा नहीं हुआ वह यहां आकर हुआ। हमें पूजा पाठ करके कौन सा फायदा हुआ है। अब हम न ही मंदिर जाएंगे और न ही पूजा-पाठ करेंगे।
ईसाई साहित्य हुआ बरामद
इस बात को सुनकर विजय हिंदुस्तानी और उनके साथी भौचक्के रह गए। उन्होंने उसके झोपड़ी में बने घर की तलाशी ली तो उन्हें वहां से बाइबल व इसाई धर्म के अन्य साहित्य मिले। पूछताछ करने से पता चला की यह व्यक्ति इलाज के बहाने जालंधर ले जाकर लोगों को ईसाई धर्म में धर्मांतरण करवाता है।
हिंदूवादी संगठन ने पुलिस को जानकारी दी
इस मामले की जानकारी हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने पुलिस को दी। उन्होंने थाने पहुंचकर पुलिस को तहरीर देते हुए आरोपी ईसाई परिवार पर कार्रवाई की मांग की है। आरोप है कि ये लोग 230 दलित परिवारों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के काम में लगा था।