गाजियाबाद में 350 करोड़ रुपए के जमीन घोटाले में उत्तर प्रदेश सरकार ने एसआईटी से जांच कराने का फैसला किया है। वॉटर ट्रीटमेंट की जमीन पर मकान बनाकर बेचने के मामले में अब एसआईटी को जिम्मा सौंपा गया है.
दरअसल यह मामला गाज़ियाबाद की सिद्धार्थ विहार योजना का है, जहां योजना के तहत 12 एकड़ की जमीन वॉटर ट्रीटमेंट के लिए आरक्षित की गई थी. मकान बनाकर बेचने के मामले में 350 करोड़ के घोटाले की बात सामने आई. इसके लिए अब एसआईटी से जांच कराने का फैसला हुआ है. इस जांच समिति के प्रमुख,, अपर मुख्य सचिव नियुक्ति देवेश चतुर्वेदी होंगे, जबकि मेरठ के मंडलायुक्त और पुलिस महानिदेशक मेरठ मंडल को इसका सदस्य बनाया गया है। यह कमेटी करीब एक माह में जांच कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप देगी। फिलहाल अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने दोषियों को चिन्हृत कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।