उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जालसाजों ने एटीएम से नगदी पार करने का नया तरीका अपनाया है। ये जालसाज कैश बॉक्स पर काली पट्टी लगाकर लोगों को लूट रहे थे। इस मामले में राजधानी पुलिस ने दो लोगों को चरबाग से धर दबोचा है। इनके पास से 29 हजार रुपये नगद, 36 एटीएम कार्ड, मोबाइल व बाइक बरामद हुई है। पुलिस अब एटीएम कार्ड के आधार पर इनके बाकी कारनामों को उजागर करने के लिए जांच मे लगी है।
बात दें इस मामले का खुलासा तब हुआ जब राजधानी के हुसैनगंज इलाके में स्थित SBI के एटीएम से दो दिन पहले एक अधिवक्ता ने एटीएम कार्ड से रुपये निकाले। रुपये निकलने का मेसेज आया, लेकिन नगदी बाहर नहीं निकली। वह काफी देर तक परेशान रहे। तभी हुसैनगंज कोतवाली के एक एसआई वहां पहुंचे तो उन्होंने इस घटना की जानकारी उन्हें दी। हालांकि कुछ देर में ही उनके खाते में रुपये वापस हो गए।
पुलिस ने 200 सीसीटीवी कैमरे खंगाले
इस मामले को देख एसई को शंका हुई और उनके कान खड़े हो गए। हुसैनगंज कोतवाली प्रभारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि मामले की जानकारी होने पर एसआई अभिषेक, तौहीद व कांस्टेबल अजय को छानबीन में लगाया गया। पुलिसकर्मियों ने हुसैनगंज स्थित एसबीआई के एटीएम के सीसीटीवी फुटेज चेक किए तो उसमें जालसाजों की तस्वीर नजर आई। उसी के आधार पर पुलिस ने आसपास लगे करीब 200 सीसीटीवी कैमरे खंगाले और चारबाग के छत्ते वाले पुल के पास से दोनों जालसाजों को दबोच लिया। पूछताछ में दोनों ने अपना नाम प्रतापगढ़ निवासी पंकज व मेहताब हसन बताया। इनके पास से 36 एटीएम कार्ड व 29 हजार रुपये भी मिले हैं।
पुलिस पूछताछ में इन दोनों जालसाजों ने बताया कि ये लोग एटीएम के कैश बाक्स में जहां से रुपये निकलते हैं, वहां उसी नाप की काली पट्टी लगा देते थे। ग्राहक को वह पट्टी दिखाई नहीं देती थी। एटीएम से रुपये निकलते थे, लेकिन पट्टी लगी होने से नगदी बाहर नहीं आ पाती थी। ग्राहक परेशान होकर बाहर निकलकर फोन पर शिकायत करने व बात करने लगता था। तभी यह लोग भीतर घुसकर पट्टी हटाकर रुपये ले लेते थे। जिस केस में ग्राहक एटीएम के सामने से नहीं हटता था, उसके रुपये वापस मशीन में चले जाते थे।
इन जालसाजों ने पुलिस को ये भी बताया कि ये लोग कई बार मौका देखकर एटीएम बूथ के अंदर ही एटीएम कार्ड बदल लेते थे। पुलिस अब बरामद एटीएम कार्ड के बारे में संबंधित बैंकों से छानबीन करने के लिए उन्हें पत्र भेजने की तैयारी कर रही है।