उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत मंगलवार से पाँच दिन के प्रवास पर रहेंगे। आरएसएस प्रमुख मंगलवार देर रात रेल मार्ग से काशी पहुंचेंगे। विश्व संवाद केंद्र में रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन 19 जुलाई को गाजीपुर में सिद्धपीठ हथियाराम मठ में सिद्धिदात्री मां वृद्धिका का दर्शन-पूजन करेंगे। पूजन काशी के पंडाओं द्वारा कराया जाएगा।
आपको बता दें कि सिद्धपीठ हथियाराम मठ देश की प्रसिद्ध सिद्धपीठों में भी शामिल है। सिद्धपीठ हथियाराम मठ की परंपरा लगभग 700 से 800 वर्ष पुरानी मानी जाती है। मठ के 25वें महंत बालकृष्ण यति हैं। सिद्धपीठ पर बैठने वाले संत यति संन्यासी कहे जाते हैं। कहते हैं कि इस परंपरा की शुरुआत दत्तात्रेय और शंकराचार्य ने प्रारंभ की थी। आरएसएस प्रमुख मठ में ही रात्रि प्रवास भी करेंगे।
श्री भागवत 20 जुलाई को मीरजापुर के सक्तेशगढ़ स्थित स्वामी अड़गड़ानंद आश्रम और वहां से विंध्याचल स्थित देवरहा हंस बाबा आश्रम जाएंगे। रात्रि विश्राम कर 21 जुलाई की सुबह काशी के लिए वापस लौटेंगे।
धन्धानेश्वर महादेव शाखा में होंगे शामिल
21 जुलाई को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत काशी में संघ की धन्धानेश्वर महादेव शाखा में शामिल होंगे। शाम को श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन कर अगले दिन 22 जुलाई को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित टेंपल कनेक्ट की ओर से विश्व के मंदिरों के सम्मेलन इंटरनेशनल टेंपल्स कन्वेंशन एंड एक्सपो का उद्घाटन करेंगे। 22 से 24 जुलाई तक होने जा रहे इस सम्मेलन में 25 देशों के 450 से ज्यादा मंदिरों के पदाधिकारी शामिल होंगे। हिंदुओं के अलावा सिख, जैन, बौद्ध धर्म के मठों, गुरुद्वारों के पदाधिकारी भी आएंगे। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत 22 जुलाई को ही शाम को मुंबई रवाना हो जाएंगे।