आगरा में यमुना नदी में आई बाढ़ से 40 गांव और 12 कॉलोनी प्रभावित हैं। यमुना का जलस्तर 1978 में इतना बढ़ा था तब पानी ताजमहल तक पहुंच गया था। अब फिर से 45 साल बाद यमुना का पानी ताजमहल तक पहुंच गया है। विशेषज्ञों के अनुसार यमुना में कितना भी पानी आ जाए, लेकिन ताजमहल को कोई नुकसान नहीं होगा।
ताजमहल के पीछे बने मेहताब बाग और व्यूप्वाइंट को पर्यटकों के लिए पानी भरने के बाद बंद कर दिया गया है। बेबी ताज के नाम से मशहूर एत्माद्दौला के पिछले हिस्से में भी यमुना का पानी पहुंच गया है, जिससे पीछे की कोठरियां डूब गई हैं। आगरा में फिलहाल 6 स्मारकों में पानी भरा हुआ है।
यमुना में 1978 में आई बाढ़ से यमुना नदी का जलस्तर 509 तक और पानी ताजमहल की दीवारों तक पहुंच गया था, हालांकि अब 45 साल के बाद 1978 वाली स्थिति नहीं है, लेकिन इतना जरूर है कि यमुना का जलस्तर ताजमहल की बाउंड्री वॉल तक पहुंच गया है। ताजमहल के पीछे दशहरा घाट पूरी तरीके से जलमग्न है और वहां पर पर्यटकों की आवाजाही पर प्रशासन ने रोक लगा रखी है। एक्सपर्ट के अनुसार ताजमहल को इस तरीके से डिजाइन किया गया है कि यमुना का जलस्तर कितना भी बढ़ जाए पानी केवल दीवार तक ही पहुंचेगा, कभी ताज के अंदर पानी प्रवेश नहीं करेगा। ताजमहल को साल की लकड़ी पर बनाया गया है, जो लकड़ी पानी से नमी खींच कर अपने आप को मजबूत कर लेती है। इसलिए यमुना में कितनी भी बाढ़ आ जाए ताजमहल को कोई नुकसान नहीं होने की उम्मीद की जाती है।