परिवहन निगम की
बसों में डीजल का बड़ा घोटाला सामने आया है। लखनऊ के अवध डिपो की बसों में जनवरी
से जून के बीच 8,458 लीटर डीजल की हेराफेरी की गई। घोटाले के खुलासे के बाद एक
कंम्प्यूटर ऑपरेटर को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है और बुकिंग लिपिक को
चार्जशीट देकर ट्रांसफर का आदेश दे दिया गया है। इसके साथ ही अवध डिपो की केंद्र
प्रभारी और इससे पहले तैनात इंचार्ज को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है।
जानकारी के
मुताबिक, अवध डिपो के कर्मचारियों ने अनुबंधित बसों में डीजल तो भरा, लेकिन भुगतान की रकम दबा
ली। परिवहन निगम ने ऑडिट किया तो 8,458 लीटर डीजल के भुगतान का हिसाब नहीं मिला।
अवध डिपो के एआरएम सत्यनारायण चौधरी ने बताया कि परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह
यात्री सुविधाओं के साथ-साथ निगम की आय सुधारने के लिए लगातार समीक्षा कर रहे हैं।
डीजल औसत में लगातार खामी मिलने के बाद हुई जांच में यह खुलासा हुआ है।
1,095 लीटर डीज़ल की रकम की वसूली बाकी
डीजल भुगतान की
रकम दबाने के मामले में परिवहन निगम ने बुकिंग लिपिक पर कार्रवाई करते हुए 7,363
लीटर डीजल के एवज में 1,67,000 रुपये की वसूली कर ली है। अब 1095 लीटर डीजल के दाम
की वसूली बाकी है। इसके लिए नोटिस भी जारी किया जा चुका है।
इन लोगों पर हुई कार्रवाई
डीजल घोटाले में परिवहन निगम के कैसरबाग डिपो में
तैनात बुकिंग लिपिक रामेश्वर गोंड को चार्जशीट दी गई है। वहीं कम्प्यूटर ऑपरेटर के
पद पर सेवाएं दे रहे संविदाकर्मी सुनील कुमार को नौकरी से निकाल दिया गया है। इसके
अलावा अवध डिपो की वर्तमान केंद्र प्रभारी मधु श्रीवास्तव और इसके पहले इंचार्ज
रहीं स्वाती बाजपेई को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।