वाराणसी में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक शिक्षिका ने मदरसा
प्रबंधक को जूते-चप्पल से पीट दिया। मदरसे की अस्थायी शिक्षिका ने प्रबंधक पर पैसे
हड़पने, शोषण और गर्भपात का आरोप लगाया। इस मामले में प्रबंधक का कहना है कि उसे
फंसाया जा रहा है। शिक्षिका महिला होने का फायदा उठा रही है।
दरअसल यहां के जैतपुरा के मदरसा दायरतुल इस्लाह चिरांगे उलूम
में 22 फरवरी 2009 से प्राइवेट टीचर के तौर पर एक शिक्षिका वहां पढ़ा रही है।
शिक्षिका का कहना है कि अबतक काफी प्राइवेट टीचर्स मदरसे में स्थाई हो गए, लेकिन
जब उसने मदरसे के प्रबंधक रिजवान अहमद से अपने स्थायीकरण के बारे में बात की तो
उसने 15 लाख रुपयों की मांग की। शिक्षिका का कहना है कि उसने दो लाख रुपए मदरसा प्रबंधक रिजवान
को दे दिए, लेकिन बाद में मदरसे का प्रबंधक रिजवान 13 लाख रुपए की मांग करने लगा।
आरोप है कि जब शिक्षिका ने इतने रुपए देने को लेकर असमर्थता जताई तो प्रबंधक ने
शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डाला। एक दिन जबरन संबंध बनाने के कारण वो गर्भवती हो
गई तो उसका गर्भपात करा दिया।
इस पूरे मामले की शिकायत थाने के अलावा पुलिस कमिश्नर से की
गई। काफी भागदौड़ के बाद मदरसा प्रबंधक रिजवान अहमद और मदरसे के एक शिक्षक बेलाल
अहमद के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज हो सका, लेकिन अभी तक आरोपी प्रबंधक को
पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है।