गुजरात में अहमदाबाद की एक अदालत ने वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के संबंध में साक्ष्य गढ़ने के मामले में कथित सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता जावेद सीतलवाड़ की अर्ज़ी ख़ारिज कर दी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने गुजरात हाईकोर्ट के निर्णय को पलटते हुए तीस्ता को नियमित ज़मानत दे दी।