वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी केस में हिन्दू पक्ष का आवेदन मंजूर कर लिया है। कोर्ट ने आज ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे को मंजूरी देदी है। शुक्रवार को वाराणसी जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने मां श्रृंगार गौरी मूल वाद में ज्ञानवापी के सील वजूखाने को छोड़कर बैरिकेडिंग वाले क्षेत्र का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से रडार तकनीक से सर्वे कराने के आवेदन मंजूर कर लिया है।
कोर्ट आदेश के अनुसार, सील परिसर को छोड़कर बाकी सभी स्थानों का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण होगा। कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) को रिपोर्ट दाखिल करने की बात कहते हुए सुनवाई की अगली तिथि चार अगस्त तय की।
गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में करीब डेढ़ घंटे तक हुई बहस के बाद जिला जज ने आदेश के लिए पत्रावली सुरक्षित कर ली थी। जिसके के लिए 21 जुलाई की तारीख तय कर दी थी। सभी पक्षों की मौजूदगी में जिला जज ने ये आदेश दिया है। सर्वे में बिना क्षति पहुचाएं पत्थरों, देव विग्रहों, दीवारों सहित अन्य निर्माण की उम्र का पता लग जाएगा। वहीं, विपक्षी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने सर्वे कराने के आवेदन का विरोध किया है।
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले विष्णु शंकर जैन कहते हैं, “मुझे सूचित किया गया है कि मेरा आवेदन मंजूर कर लिया गया है और अदालत ने वज़ू टैंक को छोड़कर, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एएसआई सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है।” जिसे सील कर दिया गया है। मुझे लगता है कि सर्वेक्षण 3 से 6 महीने के भीतर पूरा किया जा सकता है।’
निगरानी अर्जी पर अब 16 अगस्त को सुनवाई
वहीं गुरुवार को ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाना में गंदगी फैलाने और शिवलिंग जैसी आकृति पर दिए गए विवादास्पद बयान के मामले में दाखिल निगरानी अर्जी पर अपर जिला जज विनोद कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई हुई। AIMIM के अध्यक्ष असुदद्दीन ओवैसी की ओर से अधिवक्ता एहतेशाम आब्दी और शवनवाज परवेज ने वकालत नामा लगाया। कोर्ट ने अन्य विपक्षीगण को उपस्थित होने के लिए अगली सुनवाई 16 अगस्त की तिथि तय की।