एनआईए ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र फैजान अंसारी का
आईएसआईएस के साथ आतंकी कनेक्शन होने पर उसे गिरफ्तार कर लिया है। झारखंड के
लोहरदगा के रहने वाले फैजान को उसके घर से पकड़ा गया है। सूत्रों के अनुसार गिरफ्तारी के बाद उसने अलीगढ़ मुस्लिम
विश्वविद्यालय में दो वर्ष पढ़ाई के दौरान डार्कवेब नेट के जरिए आईएसआईएस से
जुड़कर देश विरोधी काम करना और संगठन के विदेशी एजेंटों के संपर्क में रहना
स्वीकार किया है।
गिरफ्तारी के बाद टीम ने उसके अलीगढ़ स्थित किराये के
कमरे पर भी तलाशी ली और यहां से कई डिजिटल साक्ष्य बरामद किए। इसके जरिए उसके
आईएसआईएस से संपर्क होने के पुख्ता सबूत मिले हैं। हालांकि देर रात तक एएमयू
इंतजामिया इस बात की पुष्टि नहीं कर सकी। देर रात तक रिकार्ड तलाशने का काम जारी
रहा।
जानकारी के मुताबिक दो महीने पहले वह अपने घर पहुंचा
था। उससे पूछताछ के आधार पर 17 जुलाई
की रात टीम उसके अलीगढ़ स्थित किराए के कमरे पर तलाशी लेने गई। जहां से कई
इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए। एनआईए द्वारा बुधवार को
आईपीसी और यूए(पी) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
एजेंसी अंतर्राष्ट्रीय साजिश के सभी पहलुओं को उजागर करने के लिए अपनी जांच को आगे
बढ़ाएगी।
आतंकी हमलों की साजिश रच रहा था
फैजान
फैजान अंसारी विदेश स्थित आईएसआईएस संचालकों के संपर्क
में था, जो उसे प्रतिबंधित संगठन में
भर्ती के लिए उकसा रहे थे। आईएसआईएस के अन्य सदस्यों के साथ, वह हिंसक कार्रवाइयों की योजना बना रहा था और विदेश में
आईएसआईएस संघर्ष थिएटर में ‘हिजरात’ करने
पर विचार कर रहा था।
डार्क नेट के जरिए जुड़ा था
फैजान
एनआईए सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फैजान अंसारी
डार्कवेब नेट के माध्यम से आईएसआईएस आतंकियों के संपर्क में था। वह पिछले दो माह
से अपने घर पर रह रहा था। वहीं से जेहाद को लेकर सक्रिय था। एनआईए की टीम उस पर
पिछले एक सप्ताह से नजर रखे हुए थी। जब उसके आईएसआईएस के स्लीपर सेल होने की
पुख्ता जानकारी हासिल मिली तो उसे गिरफ्तार किया। उसके लैपटॉप को खंगाला गया तो कई
आपत्तिजनक डाक्यूमेंट्स बरामद किए गए। जानकारी मिली कि वह डार्कवेब नेट के माध्यम
से लगातार देश और विदेश के आईएसआईएस एजेंट से संपर्क साधे हुए था। अभी उससे पूछताछ
में उसके द्वारा अन्य लोगों को शामिल करने की जानकारी जुटाई जाएगी।
इस मामले में एसपी सिटी कुलदीप सिंह गुणावत ने बताया कि
एनआईए ने हमसे जो मदद मांगी थी, दी
गई है। मगर एनआईए ने हमसे कोई तथ्य साझा नहीं किया है। फिर भी जो जानकारियां मिली
हैं, उसके आधार पर एएमयू से उसके विषय
में जानकारी मांगी जा रही है, ताकि
उसके क्रियाकलापों, उसके
दोस्तों, साथियों व अन्य गतिविधियों का
ब्योरा संकलित किया जा सके।