अयोध्या में राम मंदिर निर्माण समिति की दो
दिनों की बैठक में मंदिर निर्माण प्रगति के साथ-साथ प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों
पर मंथन हुआ। राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बैठक की
जानकारी देते हुए कहा कि ट्रस्ट की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी को अगले साल 15 जनवरी से 24 जनवरी के बीच रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन में शामिल होने के
लिए आमंत्रण पत्र भेजा गया है।
चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर में प्राण
प्रतिष्ठा के लिए भगवान की प्रतिमा बन रही है। मंदिर में दरवाजे लगाए जाने के लिए
कार्य भी चल रहे हैं। इन सभी का रूप का भी विजिट किया गया। उन्होंने बताया कि
मंदिर के खंभों में देवी-देवताओं की मूर्तियां बनी हैं, जिसकी संख्या 6000 से अधिक होगी।
अभी फिलहाल भूतल पर कुछ खंभों का चयन किया गया है उस पर मूर्ति कैसी बन रही है
इसका अध्ययन किया गया। लोवर प्लिंथ पर कुछ पैनल बनने हैं जो बाल्मीकि रामायण पर
आधारित होंगे। इस पर भी मंथन किया गया है। इसके साथ ही परकोटि में भी 90 पैनल को लगाए जाने
की बात सामने आई है जो ब्राउनच के होंगें, जिनका सिलेक्शन होना बाकी है। लेकिन इन
पैनल में किन प्रसंगों को दर्शाया जाएगा, ऐसे 300 पैनल का सिलेक्शन किया जा चुका है।
मंदिर के प्रवेश द्वार पर दो सिंबल 2 गज, एक हनुमान जी और एक गरुण जी की मूर्ति बनेगी। तय किया गया है जिस पत्थर
से राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, उन्हीं पत्थरों से इन मूर्तियों को भी तैयार किया जाएगा। परकोटा में भी 6 मंदिर बनने हैं। उन
मंदिरों के लिए मूर्तियों को टाइप किए जाने के लिए ट्रस्ट का एक डेलिगेशन अगस्त
में राजस्थान पहुंचेगा। इसमें महासचिव चंपत राय, सदस्य डॉ अनिल मिश्रा, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी, आर्किटेक्ट आशीष सोनपुरा सहित अन्य लोग शामिल होंगे।
उधर, भगवान श्री रामलला का भव्य मंदिर बिना
बाधा के बने, इसके लिए अनेक प्रकार के अनुष्ठान चल रहे हैं। इस समय तीर्थ
क्षेत्र भवन रामकोट में ऋग्वेद सामवेद कृष्ण यजुर्वेद शुक्ल यजुर्वेद के मंत्रों
की आहुतियां चल रही हैं। बाल्मीकि रामायण और श्रीमद्भागवत का भी पाठ चल रहा है।
इसके लिए काशी के वेद विद्वान और महाराष्ट्र के वैदिक आचार्य अलग-अलग अनुष्ठान कर
रहे हैं। 2022 से मंदिर निर्माण होने तक वैदिक मंत्रों का उच्चारण और हवन भी
चल रहा है। इसके लिए महाराष्ट्र के 5 वैदिक 15 दिन के अंतराल पर यह अनुष्ठान कर रहे हैं।