दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट ने बुधवार को छत्तीसगढ़ में कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितता से जुड़े एक मामले में फैसला सुनाया है। इस मामले में कांग्रेस पार्टी से राज्यसभा के पूर्व सदस्य विजय दर्डा, उनके बेटे देवेंद्र दर्डा और कारोबारी मनोज कुमार जयसवाल को बुधवार दोषी मानते हुए 4 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट के आदेश के बाद 3 दोषियों को हिरासत में ले लिया गया। विशेष न्यायाधीश संजय बंसल ने पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और दो पूर्व वरिष्ठ लोक सेवकों- केएस क्रोफा और केसी समरिया को भी 3 साल की सजा सुनाई।
हालांकि, इन तीनों दोषियों को अदालत ने निजी मुचलके पर जमानत दे दी, ताकि वे अपनी दोषसिद्धि और सजा को हाईकोर्ट में चुनौती दे सकें। कोर्ट ने इस मामले में दोषी ठहराई गई कंपनी जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड पर भी 50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया।
बात दें यह कोयला घोटाले में 13वीं दोषसिद्धि है। इस घोटाले ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कॉंग्रेस सरकार को बुरी तरह से हिलाकर रख दिया था। कोयला घोटाले में कोर्ट ने 13 जुलाई को सात आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश रचना) एवं 420 (जालसाजी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया था। जजमेंट सुरक्षित रख लिया था जिसमे सजा का ऐलान आज किया गया है।