- कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय से की थी पीएचडी, डॉ रुबानी बशीर ने बताया उसने दो युवाओं को भी आतंकी बनाया, गिरफ्तार
जम्मू कश्मीर पुलिस ने बड़े आतंकी भर्ती मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। यहाँ पीएचडी डिग्री धारक आतंकी और उसके दो ऑन ग्राउन्ड सपोर्ट स्टूडेंटस् जो उससे ही आतंक पाठ पढ़ रहे थे उन्हें गिरफ्तार किया गया है। केंद्रीय विश्वविद्यालय से पीएचडी स्कॉलर और उनके आतंकी छात्रों के पास से चीन में बनी 1 पिस्तौल, 1 पिस्तौल मैगजीन, 9MM के 9 राउंड और एक चीनी ग्रेनेड समेत अन्य अवैध हथियार बरामद हुए हैं।
आपको बता दें जम्मू कश्मीर पुलिस ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में आतंकी भर्ती मॉड्यूल पकड़ा है। इस आतंकी भर्ती मॉड्यूल का संचालक कश्मीर विश्वविद्यालय से PhD स्कॉलर है। जिसका नाम डॉक्टर रुबानी बशीर है। डॉक्टरेट डिग्री धारक आतंकी ट्रैनर ने अपना कोड नेम डॉक्टर सबील रख रखा था। ये कुलगाम और आस-पास के क्षेत्रों के युवाओं को हिज्ब-उल-मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन में शामिल कर रहा था और डॉक्टर आतंकियों को पैसा और उनके खाने पीने का सामान भी देता था। पूछताछ के दौरान उसके खुलासे पर दो आतंकवादी सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है।
संदिग्ध गाड़ी के जरिए पुलिस डॉ. रुबानी तक पहुंची
जम्मू कश्मीर पुलिस के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक कुलगाम पुलिस इनपुट के आधार पर ‘डॉ.’ कोड नाम वाले एक व्यक्ति की तलाश कर रही थी। इसके लिए स्पेशल पुलिस टुकड़ियों का गठन किया गया। लगातार धरपकड़ के प्रयास में लगी पुलिस ने एक संदिग्ध वाहन संख्या जेके18 बी4852 को पकड़ा। जब पूछताछ की तो पता चला कि इस वाहन का उपयोग कुलगाम के दिवंगत बशीर अहमद डार का बेटा डॉ रूबानी बशीर कर रहा था। जिसके बाद एक विशेष नाका स्थापित किया गया और डॉ रुबानी को पकड़ लिया गया। पूछताछ के दौरान रुबानी ने अपना कोड नाम डॉ. सबील बताया। जो कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय से पीएचडी स्कॉलर है और उसने वहां सहायक प्रोफेसर के रूप में भर्ती के लिए आवेदन भी किया है।
मूल काम आतंकवादी संगठनों के लिए काम करना
पुलिस की गिरफ्त में आए डॉ रुबानी बशीर ने पुलिस पूछताछ में कई खुलासे किए। उसने बताया कि वह अपने छात्र जीवन से ही जमात-ए-इस्लामी से जुड़ा हुआ है। आपको बता दें जमात-ए-इस्लामी को हिजबुल मुजाहिद्दीन का दाहिना हाथ भी कहा जाता है। डॉ रुबानी बशीर ने बताया उसका मूल काम आतंकवादी संगठनों के लिए काम करना था। वह कश्मीर में युवाओं की पहचान करता था और उन्हें प्रेरित करने के बाद पैसा देता था ताकि वह आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए तैयार हो जाएं।
दो आतंकवादी सहयोगियों भी गिरफ्तार
जम्मू कश्मीर पुलिस ने कहा जांच के दौरान यह भी सामने आया की पीएचडी डिग्री धारक डॉ. रुबानी बशीर ने दो युवाओं को भी प्रेरित किया और उन्हें आतंकी बनने के लिए मजबूर किया। उसके खुलासे पर दो आतंकवादी सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है। उनकी पहचान फाजिल अहमद पार्रे पुत्र शेराज अहमद पार्रे निवासी अश्मुजी भान और तारिक अहमद नायकू उर्फ चावला पुत्र अब्दुल अहमद नायकू निवासी चेक वट्टू अहराबल के रूप में हुई है।