बरेली के शेरगढ़ क्षेत्र की रहने वाली फरहाना ने पारिवारिक और सामाजिक बंदिशों को तोड़ कर वीरेंद्र कश्यप से मंदिर में शादी कर ली है। फरहाना ने बताया वो बचपन से कृष्णभक्त है बंदिशों के कारण इसका इजहार नहीं कर सकी। उसने बंदिशें तोड़ धर्म परिवर्तन कर वीरेंद्र कश्यप के साथ विवाह कर लिया है। फरहाना ने परिजनों से जान को खतरा बताते हुए शेरगढ़ थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई है।
दरअसल गहलौरा गांव निवासी फरहाना की आठवीं के बाद घरवालों ने पढ़ाई बंद करा दी। फरहाना को चार साल पहले गांव के ही निवासी वीरेंद्र कश्यप से प्रेम हो गया, तो दोनों की मोबाइल फोन पर बात होने लगी। कुछ समय पहले दोनों ने साथ में जिंदगी बिताने का फैसला किया। उसके बाद घर से निकल शहर पहुंचे प्रेमी जोड़े ने हिंदूवादी नेता की मदद से मंदिर में धर्म परिवर्तन करके फरहाना ने सरस्वती बनकर वीरेंद्र से विवाह कर लिया। धर्म परिवर्तन कर शादी के बाद फरहाना ने बताया कि वह बालिग हैं अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन कर विवाह किया है। उसकी बचपन से ही भगवान कृष्ण में आस्था है और वह आगे का जीवन हिंदू बनकर बिताना चाहती है। उसे वीरेंद्र से विवाह करके तीन तलाक और हलाला जैसे कृत्य का डर नहीं रह गया है। उसने बताया कि उनके घरवालों ने भी शेरगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है उम्मीद है कि कानून हमारे साथ इंसाफ करेगा।