पाकिस्तान के सियालकोट जेल में डेढ़ साल से बंद उन्नाव सदर कोतवाली निवासी युवक की सजा पूरी हो गई है। उसे गलत तरीके से सरहद पार करने के मामले में पाकिस्तान पुलिस ने गिरफ्तार किया था। भारतीय दूतावास से भेजा गया पत्र मिलने के बाद प्रशासन ने परिवार की जानकारी कराई और युवक की पहचान संबंधी अभिलेख और परिजनों का ब्योरा जुटाया। एडीएम ने बताया कि सत्यापन की रिपोर्ट तैयार कराकर दूतावास भेजी जाएगी।
सदर कोतवाली के वार्ड 11 के सुल्तानखेड़ा निवासी सूरजपाल मानसिक तौर पर बीमार था। उसका कानपुर, लखनऊ और आगरा में इलाज कराया लेकिन बहुत लाभ नहीं हुआ। वह अक्सर घर से कई-कई दिन के लिए लापता हो जाता था। सूरजपाल के पिता सीएमओ कार्यालय से सेवानिवृत्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे। नवंबर 2020 में पिता की मौत के एक महीने बाद सूरजपाल दिसंबर में लापता हो गया। पत्नी सुरजादेवी, मां शांति देवी, चचेरे भाई रमेश कुमार और अन्य परिजनों ने तलाश की लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। इसके बाद दो अक्टूबर 2021 को चचेरे भाई रमेश के पास जम्मू से बीएसएफ के अधिकारियों का फोन आया। उन लोगों ने बताया कि सूरजपाल जम्मू के आरएसपुरा के रास्ते पाकिस्तान की सीमा में चला गया है। भाई रमेश और सूरज पाल की पत्नी सुरजादेवी जम्मू पहुंचे। इसके बाद सेना के अधिकारियों ने काफी प्रयास किया लेकिन पाकिस्तान पुलिस ने सूरजपाल को न वापस भेजा न मुलाकात कराई। एक सप्ताह तक इतंजार के बाद भी कोई सफलता नहीं मिली तो सब कुछ ऊपरवाले के भरोसे छोड़ कर लौट आये।
अब 19 जून 2023 को भारतीय दूतावास ने शासन को सूरजपाल के पते की तस्दीक कराने के लिए पत्र भेजा। शासन से प्रशासन को पत्र मिलने पर पुलिस और राजस्व विभाग को सत्यापन के निर्देश दिए गए हैं। राजस्व विभाग और एलआईयू ने गांव जाकर परिजनों से संपर्क किया तो सजा पूरी होने के बाद वापस गांव आने की जानकारी हुई। एडीएम नरेंद्र सिंह ने बताया कि सूरजपाल के सत्यापन की प्रक्रिया पूरी कराई जा रही है। राजस्व और पुलिस की संयुक्त रिपोर्ट, शासन के माध्यम से दूतावास को भेजी जाएगी।